प्रेमचंद अग्रवाल ने फिर जारी किए 38 कार्मिकों के तबादला आदेश
कई बड़े बाबू और सफाई निरीक्षक बना दिए अधिशासी अधिकारी
देहरादून ।दो बार तबादले निरस्त होने के बावजूद शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने हार नहीं मानी है और सीएम के तेवर देखने के बाद भी एक बार फिर उन्होंने 38 कार्मिकों के तबादला आदेश जारी कर दिए।
एक तरह से अग्रवाल ने सीएम को संदेश जरूर दे दिया है कि वे हार मानने वाले नेताओं में नहीं हैं।
गौरतलब है कि शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने आज दीपावली का त्योहार बीतने के तुरंत बाद शहरी विकास विभाग के 22 अधिशासी अधिकारियों, तीन सहायक नगर आयुक्तों समेत कुल 38 कार्मिकों के तबादले किए हैं। इससे पहले भी वे दो बार ऐसा कर चुके हैं और दोनों बार सीएम के स्तर से तबादला आदेश निरस्त किए जा चुके हैं।
इस बार क्या होगा, यह देखना दिलचस्प हो सकता है। खबर है कि इस बार के तबादला आदेश में कतिपय बड़े बाबू और सफाई इंस्पेक्टर भी अधिशासी अधिकारी बनाया गया है जबकि कुछ प्रभारी अधिशासी अधिकारियों को फिर इंस्पेक्टर बना दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कुछ हफ्ते पहले प्रेमचंद के किए 74 तबादले तत्काल प्रभाव से रोक दिए थे।
जानकारी के मुताबिक शहरी विकास विभाग में अवर अभियंता-सफाई निरीक्षक और प्रभारी अभियंता- सहायक नगर आयुक्त- नगर अधिकारियों के भी तबादले किए गए हैं।
कुछ प्रभारी अधिशासी अधिकारियों को फिर से मूल पद पर भेज दिया गया है जबकि कुछ सफाई इंस्पेक्टर या बड़े बाबुओं को प्रभारी अधिशासी अधिकारी की कुर्सी दी गई है। कई ईओ और प्रभारी ईओ को इसी पद पर अन्य जगह भेजा गया है।
बताते चलें कि श्री अग्रवाल द्वारा किए गए तबादलों पर उस समय ज्यादा बवाल मच गया था, जब वह जर्मनी के लिए रवाना होने से पहले रविवार के दिन आनन फानन में 74 तबादले कर गए थे। इन तबादलों से बवाल इसलिए भी मचा था कि ये न सिर्फ तबादला सत्र गुजर जाने के बाद किए गए थे, बल्कि मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी मामला नहीं लाया था।इस बार उनकी तबादला सूची छोटी हो गई है, लेकिन माना जा रहा है कि इस बार सीएम को विश्वास में लेकर तबादले किए हैं।
इन तबादलों को लेकर सचिवालय में आज दिन भर यही चर्चा रही कि आखिर विभागीय मंत्री जिद पर क्यों अड़े हैं और सरकार की क्या मजबूरी है कि तबादला सत्र की नीति को नजरंदाज करने की नौबत आ गई है। अगले कुछ दिन में यह बात साफ हो सकती है कि आखिर किन वजहों से विभागीय मंत्री ने इन तबादलों को नाक का सवाल बना डाला।