आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा में घी कारोबार से जुड़े तपन ग्रुप के ठिकानों पर आयकर विभाग की लम्बी तलाशी के बाद करीब 40 करोड़ रुपये की आय सरेंडर की गई है। तपन ग्रुप के ठिकानों पर करीब 72 घंटे तक चली पड़ताल के बाद आयकर विभाग को सर्च में अहम दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हाथ लगे हैं।
इनका डाटा चेक कर ग्रुप की वास्तविक आय का आकलन किया जाएगा। संयुक्त निदेशक आयकर (जांच) और सहायक निदेशक आयकर (जांच) यूनिट-द्वितीय के निर्देशन में तपन ग्रुप के दयालबाग व रुनकता स्थित ठिकानों पर विगत सोमवार सुबह साढ़े सात बजे सर्च शुरू की थी।
मंगलवार व बुधवार को भी सर्च जारी रही। गुरुवार को सर्च संपन्न हुई। पता चला है कि ग्रुप ने संपदा (प्रोपर्टी) कारोबार में भारी मात्रा में निवेश किया हुआ है। इसके अलावा उनके ठिकानों से नकदी व बहुमूल्य धातुएं भी मिलने की भी बात सामने आ रही है। विभाग इसके आकलन में भी जुटा है।
आयकर विभाग ने कच्चे माल की खरीद, उत्पादन प्रक्रिया, माल की आपूर्ति, भुगतान संग्रह आदि से जुड़े ग्रुप के रिकार्ड भी चेक किए। इनवाइस को वास्तविक रकम से कम में जारी करने के मामले पाए गए हैं। कारोबार में दिखाए गए खर्च का ब्योरा चेक करने के साथ रिटर्न का मिलान किया गया है।
तपन ग्रुप खाद्य तेल के कई ब्रांडों का उत्पादन करता है। उसका कारोबार आगरा के साथ ही राजस्थान व दिल्ली में फैला हुआ है। आयकर विभाग की जांच शाखा ने शहर में पहली बार एक साथ दो जगहों पर कार्रवाई की। मंगलवार को जहां तपन ग्रुप के सात ठिकानों पर टीमें सर्च करने में जुटी थीं, तभी रावतपाड़ा में तिवारी गली और चित्तीखाना में तीन हवाला एजेंटों के यहां कार्रवाई की गई।
यहां से 2.8 करोड़ रुपये की नकदी व पर्चियां हाथ लगीं। इन पर्चियों से बड़े मामले सामने आ सके हैं, लेकिन विभागीय अधिकारी दोनों जगह की गई कार्रवाई में कोई लिंक होने से इन्कार कर रहे हैं। विभाग अब असंगठित क्षेत्र पर कार्रवाई की तैयारी में है। विभागीय जांच में जो साक्ष्य मिले हैं, उसमें कई अन्य लोगों के भी शामिल होने की आशंका है।