हरियाणा में भी बुलडोजर का खौफ

गैंगस्टरों की अवैध संपत्ति ध्वस्त करने के लिए खट्टर सरकार ने छेड़ा अभियान

संवाददाता, चंडीगढ़।
हरियाणा में गैंगस्टरों की अवैध संपत्ति ध्वस्त करने के लिए खट्टर सरकार ने अभियान छेड़ दिया है। अवैध संपत्ति पर उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बुलडोजर चलने लगे हैं। खुफिया विभाग गैरकानूनी तरीके से अर्जित संपत्ति की जानकारी जुटाने में लगा है। दस्तावेज सहित पूरी जानकारी एकत्रित होने के बाद अवैध संपत्ति ध्वस्त करने की कार्रवाई की अंजाम दिया जा रहा है।

इस समय हरियाणा के 130 गैंगस्टर्स में से 100 प्रदेश की जेलों और 30 अन्य राज्यों की जेलों में बंद हैं। इनके अलावा 300 से अधिक मोस्ट वांटेड भी हैं। राज्य सरकार के पास सूचना है कि अपराधियों ने काफी अवैध संपत्ति बना रखी है। अपना रौब और डर दिखाकर उन्होंने सरकारी, पंचायती या किसी की निजी और विवादित जमीन कब्जाई हुई है।

बिना नक्शे पास कराए इस पर इमारतें खड़ी कर ली गई हैं। पंजीकरण के समय भी कानूनी प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया। सरकार से अनुमति के बाद खुफिया विभाग अब सभी जिलों में कुख्यात अपराधियों की संपत्ति को चिह्नित कर रहा है।
संपत्ति की फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी के साथ ही दस्तावेज भी इकट्ठे किए जा रहे हैं। आगामी कुछ माह में पूरी रिपोर्ट तैयार हो जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से कानूनी दायरे में रहकर की जा रही है। पहले नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर कोई संपत्ति खाली नहीं करता तो बुलडोजर चलेगा।

अवैध निर्माण गिराने के बाद जमीन सरकार अपने कब्जे में ले लेगी। गैंगस्टर पैसे और संपत्ति के दम पर ही राज्य में अपने गैंग चलाते हैं। प्रदेश में करोड़ों रुपए की जमीन पर उन्होंने अवैध कब्जे कर रखे हैं।

सोनीपत, रोहतक, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, फरीदाबाद, जींद, चरखी दादरी, करनाल, मेवात और हिसार में जमीन कब्जाने के अधिक मामले हैं। इन अपराधियों की अब आर्थिक रूप से कमर तोड़ने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। इससे बदमाशों में खौफ पैदा होगा और आम जनता को भी राहत मिलेगी।
बुलडोजर चलाने की शुरुआत अंबाला से हो चुकी है। नशा तस्करी में गिरफ्तार पूर्व पार्षद की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया था। इस पूर्व पार्षद ने सरकारी संपत्ति पर कब्जा किया हुआ था। कानूनी तौर पर बुलडोजर दो ही परिस्थितियों में चलता है।

पहला, कोई व्यक्ति सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर उस पर निर्माण कर ले तो तहसीलदार या एसडीएम स्तर के अधिकारी से रिपोर्ट ली जाती है। दूसरा, जब अपराधी लगातार भाग रहा हो और कानूनी प्रक्रिया और वारंट के बाद भी आत्मसमर्पण नहीं करता है तो उसकी अपराध से कमाई गई संपत्ति पर कुर्की के आदेश जारी होते हैं और बाद में अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चला कर उसे ध्वस्त कर दिया जाता है।

कहां-कहां हुई कार्रवाई?

करनाल के निगम आयुक्त अजय सिंह तोमर की तरफ से नगर योजनाकार की अगुवाई में गठित टीम ने गैंगस्टर नीरज पूनिया के कुंजपुरा रोड पर बने अनाधिकृत फाइव स्टार फार्म हाउस को गिरा दिया। बुलडोजर चलाने से पहले फार्म हाउस को खाली करवा लिया गया था।

इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। जिले के नगर योजनाकार आर।एस। बाठ के मुताबिक फ़ार्म हाउस के अवैध निर्माण के खिलाफ स्थानीय लोगों ने शिकायत दी थी। निगम ने सात दिन का नोटिस दिया था, लेकिन जब नोटिस की जब पालना नहीं की गई तो 1500 वर्ग गज में बने पूनिया के फार्म हाउस को गिरा दिया गया।
गैंगस्टर नीरज पूनिया फूसगढ़ हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। इसके फार्म हाउस पर असामाजिक तत्व इकट्ठे होते थे, जो गलत गतिविधियों को अंजाम देते थे। पूनिया के खिलाफ करनाल, हिसार, कुरुक्षेत्र और रेवाड़ी जिलों में 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं।

हत्या के मामले में पूनिया इस समय जेल में है। पुलिस ने उसे आठ साल पहले जयपुर से गिरफ्तार किया था। उस पर दो सगे भाइयों की हत्या का भी आरोप है।
इससे पहले फरीदाबाद में गैंगस्टर मनोज मांगरिया के गुर्गे जावेद की अवैध रूप से जमीन पर कब्जा कर बनाई दुकानों, मकान और गोदाम को ध्वस्त कर दिया गया था। गैंगस्टर मांगरिया का गुर्गा जावेद करीब 14 साल से आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है। लोगों पर रौब जमाने के लिए जावेद अपने साथियों के साथ अवैध हथियारों से लैस होकर जमीनें कब्जाने का काम करता है।

अवैध तरीके से कब्जाई संपत्ति पर दुकानें बना कर जावेद उनका किराया वसूल करता था। फरीदाबाद पुलिस ने पहले जावेद की अवैध दुकानों को चिन्हित किया। फिर पुलिस व नगर निगम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए उन दुकानों को जमींदौज कर दिया।
सूरजकुंड क्षेत्र के बड़खल थाने के तहत फतेली गांव के जावेद के खिलाफ जान से मारने, अवैध हथियार रखने और हमला करने के 11 मुकदमे दर्ज हैं, जो अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं। अंबाला सेंट्रल जेल में बंद गैंगस्टर मनोज मांगरिया के खिलाफ भी फरीदाबाद में संगीन धाराओं के तहत हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध हथियार व गैंग बनाकर हथियारों से लैस होकर मारपीट के 17 मुकदमे दर्ज हैं। मांगरिया पर 5 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।

फरीदाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने उसे पिछले साल गिरफ्तार कर लिया था। फरीदाबाद पुलिस मांगरिया के आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहते हुए अवैध रूप से अर्जित संपत्ति से बनाई दुकानों और मकान को चिन्हित कर रही है। भविष्य में इन्हें भी तोड़ा जाएगा।
कुख्यात अपराधियों की अवैध संपत्ति को चिन्हित करके उन पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के तहत ही रेवाड़ी के गैंगस्टर सुनील डुलगच की अवैध तरीके से खड़ी की गई संपत्तियों को भी ध्वस्त कर दिया गया। भारी तादाद में पुलिस बल की तैनाती के बीच प्रशासन ने 48 दुकानें ध्वस्त कर दीं।

गैंगस्टर सुनील डुलगच पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह फिलहाल जेल में बंद है। शहर में कालका रोड पर सुनील डुलगच की 48 दुकानों को खुफिया रिपोर्ट पर चिन्हित किया गया था। नगर परिषद की ओर से इस बाबत सार्वजनिक विज्ञापन जारी करके संबंधित संपत्ति के 7 दिनों में कागजात भी मांगे गए थे। ध्वस्त की गई सभी दुकानें बिना नक्शा पास कराए बनाई गई थीं।
बुलडोजर चलाने से पहले किराए पर लगी सभी दुकानों को खाली करने का निर्देश दिया गया था। दुकान खाली कराने को लेकर दुकानदारों में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह सभी दुकानें गैंगस्टर की नहीं, बल्कि महर्षि वाल्मीकि समाज ट्रस्ट की हैं। प्रशासन का दावा है कि महर्षि वाल्मीकि ट्रस्ट का प्रधान सुनील डुलगच ही है।
अवैध संपत्तियों को गिराने के अभियान के तहत सोनीपत जिले में तीन दर्जन से अधिक आपराधिक मामलों में शामिल कुख्यात अपराधी संदीप उर्फ काला जठेडी के सरकारी जमीन पर बनाई अवैध इमारतों को भी ध्वस्त कर दिया गया। पुलिस और नागरिक प्रशासन की संयुक्त टीम ने इन परिसरों पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
संदीप उर्फ काला जठेड़ी की तरफ से अवैध कब्जा कर सरकारी भूमि पर खड़ी 6 दुकानों, एक सर्विस स्टेशन और एक आरओ प्लांट को गिरा दिया गया। इन परिसरों का निर्माण अवैध वसूली से अर्जित कमाई से किया गया था। जठेड़ी के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास व लूट आदि के तहत विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं।आरोपी अभी भी कई मामलों में जेल की सजा काट रहा है और कुछ मामले अभी भी लंबित हैं।

बंबीहा गैंग की धमकी

करनाल जिले के असंध हलके की पंचायत डेरा पिंडोरिया में विदेश में बैठे गैंगस्टर दिलेर कोटिया व उसके भाई तजिंदर के अवैध मकान पर पीला पंजा चलने पर अब इस मामले में पंजाब से बंबीहा गैंग ने धमकी दी है। दिलेर कोटिया का मकान गिराए जाने पर देविंद्र बंबीहा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट लिखकर धमकी दी है। इस पोस्ट में गैंगस्टर कौशल चौधरी को भी टैग किया गया है।

बंबीहा ने लिखा है कि दिलेर कोटिया के साथ जो हुआ, बहुत बुरा हुआ। दिलेर कोटिया का घर तोड़ दिया गया। हम सरकार, पुलिस और डीटीपी को चेतावनी देते हैं कि तुमने जो करना था, कर लिया, अब हम करेंगे। अब हम बताएंगे कि कैसे किसका घर तोड़ते हैं? कोटिया का घर बने तो 30 साल हो गए थे तो अब वह घर अवैध कैसे हो गया? जब डीलर सब कुछ बेचकर चला गया, उसका घर से कोई मतलब नहीं था।
बंबीहा लिखता है कि गैंगस्टर पैदा नहीं होते, इस तरह की हरकतों से ही गैंगस्टर बनते हैं। खुद देख लें, अब बंदा क्या करे? अब हमने छोड़ना नहीं, याद रखना है। घर वालों का हाल देखा…अब बस और कुछ नहीं कहना, अब तुम देखो…वेट एंड वाच।

असंध क्षेत्र में कोटिया का घर 29 सितंबर को जमींदोज किया गया था। दिलेर कोटिया व उसके भाई तजिंदर के खिलाफ अलग-अलग थानों सहित पंजाब में भी मामले दर्ज हैं। दिलेर के खिलाफ 2016 में मामला दर्ज हुआ था, तब से अब तक अलग-अलग थानों में फिरौती, जान से मारने की धमकी, हत्या के प्रयास सहित अन्य संगीन धाराओं में 11 मामले दर्ज हो चुके हैं। अपराधी विदेश में बैठकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। दिलेर के भाई तजिंदर पर असंध थाने में मामला दर्ज है।
बहरहाल, गैंगस्टर्स के खिलाफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का रुख इन दिनों बेहद सख्त है। यही वजह है कि करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत और रेवाड़ी में अवैध रूप से निर्मित गैंगस्टर्स की दुकानें, गोदाम और मकान ध्वस्त कर दिए गए हैं। गैंगस्टर्स के प्रति किसी तरह की कोई रियायत नहीं बरती जाएगी, मुख्यमंत्री खट्टर यह पहले ही साफ़ कर चुके हैं। ऐसे में गैंगस्टर्स की अवैध संपत्ति को ध्वस्त करने का यह अभियान आगे भी इसी तरह जारी रहेगा।

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