नयी दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देश की प्रगति के लिए ढांचागत विकास, विशेषकर राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण पर जोर देते हुए कहा है कि सतत विकास के लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में क्षमता निर्माण जरूरी है।
गडकरी ने कहा कि इस संबंध में मंत्रालय बराबर निर्देश जारी करता है और खुद उन्होंने इस साल की शुरुआत में सलाहकारों, ठेकेदारों, इंजीनियरों के साथ ही तकनीकी पेशेवरों की क्षमता निर्माण प्रक्रिया को लेकर चर्चा की थी। राजमार्ग निर्माण में सलाहकारों, ठेकेदारों, इंजीनियरों तथा अन्य कर्मियों ने कार्य गुणवत्ता में सुधार तथा क्षमता निर्माण सुनिश्चित करने के लिए निजी फर्मों के कर्मियों के तकनीकी ज्ञान को नियमित उन्नत करने पर बल दिया लेकिन उन्हें मालूम है कि निजी क्षेत्र में इस परामर्श को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले महीने भी निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के ज्ञान को समृद्ध करने के बारे में चर्चा हुई है। इसमें तय किया कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट-डीपीआर तैयार करने के वास्ते कंसल्टेंसी फर्मों के कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से भारतीय राजमार्ग अभियांत्रिकी अकादमी-आईएएचई से ‘राजमार्ग परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अध्ययन और डीपीआर की तैयारी’ पर प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई है उसे तकनीकी योग्यता का उल्लेख बॉयोडाटा में प्करना होगा।
डीपीआर तैयार करने के पाठ्यक्रम में तकनीकी और गैर-तकनीकी पहलुओं को शामिल किया गया है और इसका उद्देश्य राजमार्गों के विकास में डीपीआर की समग्र गुणवत्ता में सुधार करना है ताकि देश में सुरक्षित, गुणवत्ता पूर्ण और टिकाऊ राजमार्ग बनाए जा सकें।