विस का दो दिन का विशेष सत्र बुलाएं सरकार : यशपाल
कांग्रेस हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में चाहती है सीबीआई जांच
हल्द्वानी । कांग्रेस वरिष्ठ नेता एवं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने तमाम भर्ती घोटालों को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी से दो दिन का विशेष विस सत्र बुलाने का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल सीबीआई से जांच की मांग नहीं कर रही है। कांग्रेस नैनीताल उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के सीटिंग जज की निगरानी में सीबीआई की जांच चाहती है।
उन्होंने कहा कि नकल माफिया, नेता एवं अफसरों के गठजोड़ को बेनकाब करने के लिए भर्ती घोटाले की एसटीएफ जांच नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस युवाओं को न्याय दिलाने के लिए अब तक की सभी विवादास्पद भर्ती घोटालों की जांच चाहती है। इसके दायरे में यूकेएसएसएससी, यूकेपीएससी के साथ ही विस एवं अन्य तमाम नियुक्तियों को लाना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस सडक़ से सदन तक संघर्ष करेगी।
उन्होंने नए भू कानून का मामला प्रवर समिति को सौंपने का भी आग्रह किया है। उन्होंने सरकार पर हरिद्वार में जहरीली शराब से हुई मौतों की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की है।
यह मांग श्री आर्य ने बृहस्पतिवार को यहां नैनीताल रोड स्थित सौरभ होटल में एक पत्रकार वार्ता में की। उन्होंने कहा कि वे किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं लेकिन सच्चाई सामने में है। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली बार विस, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, यूकेपीएससी, उमुविवि, सहकारिता समेत कई संस्थानों में नियुक्तियों पर सरकार, नकल माफिया एवं अफसरों का गठजोड़ काम करते हुए दिख रहा है।
इसको बेनकाब करने के लिए विजिलेंस या एसटीएफ की जांच काफी है। उन्होंने कहा कि हाकम सिंह एवं अन्य बड़े नकल माफियाओं को संरक्षण देने वाले नेताओं या अफसरों को हर हाल में बेनकाब किया जाना होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री को वास्तविक डबल इंजन जीरो टॉलरेंस की सरकार की प्रमाण पेश करते हुए दो दिन का विशेष विस का सत्र बुलाया जाना होगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा को दो बार राज्य के युवा एवं आम जनता ने प्रचंड बहुमत की सरकार युवाओं की नौकरियां रेवडिय़ों की तरह बांटने के लिए नहीं दिया है। सरकार को नैतिकता का परिचय देना होगा।
उन्होंने कहा कि यदि 3 जून 2022 को सरकार ने विस के भीतर नियम 310 में इस मामले में चर्चा की होती तो आज कई नकल माफिया बेनकाम दिखते। उन्होंने कहा कि 2017 में तत्कालीन विस अध्यक्ष प्रकाश पंत ने ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती घोटाले की जांच कराकर सदन में रिपोर्ट पेश करने का भरोसा दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जांच रिपोर्ट आज तक सदन में पेश नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि तब एसटीएफ की जांच में ओएमआर सीट में छेडख़ानी की बात पुष्ट हुई थी। उन्होंने कहा कि फरवरी 2020 में फारेस्ट गार्ड भर्ती में ब्लूटूथ से नकल करने की बात सामने आयी थी।
इसकी एसटीएफ से जांच कराई गई थी। इसमें पैंतालीस लोग चिन्हित किए गए थे। तमाम वैज्ञानिक प्रमाण मिले थे। इसके बावजूद सरकार ने तब इन नकलचियों पर कोई कार्रवाई नहीं की।
यहां तक जब यह मामला न्यायालय में गया तो मजबूत पैरवी तक नहीं की गई। उन्होंने कहा कि लोग जानना चाहते हैं कि इसकी मजबूत पैरवी क्यों नहीं की गई
उन्होंने कहा कि लोक सेवा आयोग की प्रवक्ता एवं इंजीनियरों की भर्ती में भारी घोटाले की बात सामने आयी थी। लोक सेवा आयोग किसी भी राज्य का विश्वसनीय संस्थान माना जाता है। इसकी स्टील का सुरक्षा कवच होता है। उन्होंने कहा कि आरोप है कि उत्तराखंड में नकलची इस सुरक्षा कवच को भेदने में सफल हुए।
उन्होंने कहा कि आरोप यहां तक है कि आज तक इस परीक्षा में पास हुए इंजीनियरों के प्रमाण पत्रों तक की जांच नहीं की गई है। पता चल रहा है कि कई इंजीनियर फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी कर रहे हैं।
इनको राजनेता और नौकरशाहों के गठजोड़ का संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की तमाम नियुक्तियों में अभी तक चालीस से ज्यादा नकल माफिया पकड़े गए हैं। इनमें हाकम सिंह भी शामिल है।
हाकम सिंह के राज्य के बड़े नेता, अफसरों के साथ संबंध जगजाहिर हैं। उन्होंने कहा कि इन माफियाओं को एसटीएफ जांच नहीं पकड़ सकती है। उन्होंने कहा कि व्यापम घोटाले में ब्लैकलिस्ट कंपनी को परीक्षा का काम देने से लेकर अब तक की सभी विवादास्पद परीक्षाओं की जांच के लिए सरकार को सीबीआई की जांच की संस्तुति करनी होगी। सीबीआई की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में होनी चाहिए।
उन्होंने नए भू कानून पर भी गहरे सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सीएम को उत्तराखंड में भू सुरक्षा के लिए भू कानून का मसौदा प्रवर समिति को सौंपना चाहिए। इसके बाद विस में गहन एवं व्यापक चर्चा के बाद ठोस कानून बनाने के लिए आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह के भू कानून से पहाड़ की भूमि नहीं बचने वाली है। उन्होंने कहा कि नए भू कानून पर सभी विधायक सदन में चर्चा चाहते हैं। उन्होंने हरिद्वार में जहरीली शराब से अब तक हुई पचा स से अधिक मौतों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहाराया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून तो बना दिया, लेकिन कानून लागू ही नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि भिकियासैंण में दलित युवक और उत्तरकाशी में दलित युवती की हत्या से राज्य सरकार को पीड़ा नहीं हुई है।
सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील दिख रही है। उन्होंने कहा कि इसके भाजपा एवं सरकार को परिणाम भुगतने होंगे। इस मौके पर विधायक सुमित हृदयेश, प्रदेश महामंत्री महेश शर्मा, गोविंद सिंह बिष्ट, हरीश मेहता, एनबी गुणवंत, राहुल छिमवाल, शोभा बिष्ट, मयंक भट्ट, मुकुल बल्यूटिया, रवि जोशी समेत तमाम नेता मौजूद थे।