तिरुवनंतपुरम । केरल के तिरुवनंतपुरम में वैज्ञानिकों के एक संस्थान ने ‘मेटल फ्री रेडियोपैक लिक्विड एम्बोलिक एजेंट’ विकसित करने के लिए 11वां राष्ट्रीय पेट्रोकेमिकल्स पुरस्कार जीता।
विज्ञप्ति में बताया गया कि श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक डॉ रॉय जोसेफ, सुश्री गोपिका गोपन और डॉ जयदेवन ने यह अनूठा ‘इंजेक्टेबल रेडियोपैक लिक्विड एम्बोलिक एजेंट’ विकसित किया है।
आविष्कारकों ने आविष्कार के लिए अमेरिका , यूरोपीय और भारतीय पेटेंट हासिल करने के लिए आवेदन दर्ज किया है। संस्थान जल्द से जल्द इसके व्यावसायिक उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की उम्मीद कर रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया कि पॉलीमेरिक एम्बोलिक एजेंट का अभिनव विकास मस्तिष्क के धमनी विरूपता (एवीएम) के उपचार के लिए सहायक है।
एवीएम रक्त वाहिकाओं की एक असामान्य उलझन है जो बीच में सामान्य कोशिकाओं के बिना धमनियों को सीधे नसों से जोड़ती है। एवीएम मस्तिष्क के सामान्य ऊतकों को रक्त प्रवाह और आक्सीजन की आपूर्ति को बाधित करता है। असामान्य होने के कारण, ये रक्त वाहिकाएं फटने का कारण बन सकती हैं, जिससे रक्तस्राव, स्ट्रोक, दौरे और मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान हो सकता है।
संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा किये गए इस शोध से मरीजों को लाभ होगा। इसका विकास विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान केंद्र योजना के तहत भारत सरकार के प्रौद्योगिकी विभाग से प्राप्त अनुदान के साथ किया गया है। मस्तिष्क के एवीएम का उपचार आमतौर पर आपरेशन के जरिए किया जाता है।
कुछ मामलों में, कैथेटर या रेडिएशन (विकिरण) के जरिए नसों को बंद किया जा सकता है। सिर-दर्द और दौरों के इलाज के लिए दवाएं इस्तेमाल की जा सकती हैं।