नयी दिल्ली। शुक्रवार को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राष्ट्रपति को डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने अपनी पुस्तक “शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण, नई शिक्षा नीति NEP2020″ की प्रथम प्रति भेंट की।
राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूरे देश में लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने बताया कि झारखंड के राज्यपाल रहते हुए उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अध्ययन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति के साथ विकास पर भी हिमालय के जनजातीय क्षेत्र विशेषकर सीमावर्ती अँचलों के समग्र विकास पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
डॉ निशंक ने राष्ट्रपति को बताया किनयी शिक्षा नीति विश्व के सबसे बड़े नवाचार युक्त परामर्श का परिणाम है जिसमे ढाई लाख पंचायतों समेत शिक्षा जगत से जुड़े सभी हित धारकों के सुझाव लिए गए । डॉ निशंक ने बताया कि शिक्षा नीति के निर्माण में मानवीय मूल्यों और परंपरागत भारतीय ज्ञान पर विशेष ध्यान दिया गया।
इस बात पर राष्ट्रपति ने प्रसन्नता प्रकट की कि स्वामी विवेकानंद , महर्षि अरविन्द जैसे महापुरुषों के दर्शन को शिक्षा नीति में समाहित किया गया है । ज्ञातव्य है राष्ट्रपति महर्षि अरविन्द के विद्यालय में एक शिक्षिका के रूप में कार्य कर चुकी हैं। उन्होंने शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन पर भरसक प्रयास पर बल दिया।
राष्ट्रपति ने इस बात पर प्रसन्नता प्रकट की कि डॉ निशंक हिमालय के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।डॉ निशंक ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 यशस्वी प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी न्यू इंडिया” की आधारशिला है जो बदलते समाज और गतिशील दुनिया की चुनौतियों को अवसरों में बदल सके और विश्वगुरु भारत का निर्माण कर सकेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और उनकी प्रेरणा से सबसे बड़े विमर्श के पश्चात ऐतिहासिक एवम परिवर्तन कारी शिक्षा नीति -2020 का निर्माण हुआ जो सभी भारत वासियों की अपेक्षा पर खरी उतरती है।
डॉ निशंक ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पूर्ण रूप से भारत केंद्रित होने के साथ गुणवत्ता परक, नवाचारयुक्त, व्यावहारिक, प्रोदयोगिकीयुक्त, अंतर्रष्ट्रीय, वैज्ञानिक और कौशल युक्त है जी हमारी भावी पीढ़ी को सफल वैश्विक नागरिक बनाने पर ध्यान केंद्रित करती है ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से हमारे युवा ज्ञान प्रौद्योगिकी भारतीय मूल्यों और परम्परागत ज्ञान के बल पर भारत को आत्मनिर्भर बनाने में सफल हो सके कुल मिलाकर जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP-2020 बनाई गई वह 130 करोड़ से अधिक लोगों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है।
भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 ने भारतीय परम्परागत ज्ञान, संस्कृति, भाषाओं, परम्पराओं और मानवीय मूल्यों के विकास पर विशेष जोर दिया है और इसमें स्पष्ट रूप से कहा है कि शिक्षा केवल शिक्षकों और पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान और जानकारी के बारे में नहीं है।
यह उन मूल्यों, क्षमताओं और व्यवहार को विकसित करने के बारे में है जो एक स्थिर समाज बनाने के लिए शांति, न्याय और समावेशिता के गुण पैदा करते है।
नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति NEP 2020 सभी के कल्याण के लिए एक विश्व समुदाय को एकजुट करने, प्रेरित करने और सबका समग्र विकास सुनिश्चित लिए प्रतिबद्ध है ।
निश्चित रूप से भारत को शिक्षा के आकर्षक गंतव्य के रूप में स्थापित कर यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत के विश्व गुरू बनने का मार्ग प्रशस्त करेगी।
डॉ निशंक ने कहा कि विभिन्न विषयों पर माननीय राष्ट्रपति का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ ।इस अवसर पर डॉ निशंक ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुरमू को देवभूमि उत्तराखंड के पावन धाम श्री बद्रीनाथ और केदारनाथ जी के दर्शन का निमंत्रण भी दिया ।