देहरादून। उत्तराखण्ड कांवड़ यात्रा में इस बार तीन करोड़ से अधिक शिव भक्तों के आने का अनुमान है। राज्य पुलिस ने ने हरिद्वार, ऋषिकेश आदि स्थानों पर वाहनों के पार्किंग स्थल भी निश्चित किये हैं। साथ ही, कांवड़ियों को बिना पंजीकरण कराये आने से मना किया है।
श्रावण मास में भगवान शिव को गंगा जल से अभिषेक करने की सनातन और पौराणिक परम्परा का परिपालन जनसंख्या वृद्धि के अनुपात में अनवरत बढ़ता जा रहा है। गौमुख, गंगोत्री ही नहीं, हरिद्वार स्थित हर की पौड़ी सहित देश की विभिन्न पवित्र नदियों गंगा यमुना, नर्मदा, रामगंगा इत्यादि से कांवड़ में रखकर शिवालय तक ले जाने और फिर जलाभिषेक करने की परम्परा आज भी विद्यमान है।
पिछले दो वर्ष लगातार कोविड-19 संक्रमण के कारण कांवड़ यात्रा भी प्रभावित रही है। इस बार संक्रमण में कमी को देखते हुये तीर्थ स्थानों पर उम्मीद से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने से कांवड़ यात्रा में भी बड़ी संख्या में शिव भक्त, जिन्हें भोले भी पुकारा जाता है, कांवड़ यात्रा में आने की प्रबल संभावना है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने पिछले दिनों सीमावर्ती राज्यों के समकक्ष पुलिस अधिकारियों की बैठक में अनुमान व्यक्त किया कि इस बार तीन करोड़ से अधिक भोले गंगाजल लेने अन्य राज्यों से आ सकते हैं। इसलिए इस बार सुरक्षा और यातायात व्यवस्था भी पहले की तुलना में और बेहतर की गई है। इसी दृष्टिकोण से नये यातायात इंतजाम किये गए हैं।