देहरादून। आज हिमालय रक्षा अभियान समिति उत्तराखंड द्वारा वर्चुअली आयोजित विश्व हरेला महापर्व के दृष्टिगत पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों, युवा साथियों को पर्यावरण को बचाने का संकल्प दिलाया उनसे आह्वान किया।
पूर्व सीएम ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में उत्तराखंड का गौरवशाली इतिहास रहा है। गौरा देवी जी, सुंदरलाल बहुगुणा जी, चण्डी प्रसाद भट्ट जी जैसी कई विभूतियां हमें प्रेरित करती हैं। उन्होंने कहा कि आज तमाम तरह की प्राकृतिक आपदाओं में पर्यावरण असुंतलन की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि जल संचय की हमें अपने घरों से शुरुआत करनी होगी। क्योंकि आज जो पर्यावरणीय चिंता है वह सबकी चिंता है।
उन्होंने कहा कि हम हर गांव में पीपल, बरगद के वृक्ष अवश्य लगाएं, पर्यावरण की रक्षा के लिए सब को मिलकर सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में हमने जन सहयोग से प्रदेश में लाखों पौधे लगाकर नदियों को पुनर्जीवित करने का ठाना, संकल्प लिया जिसमें मिशन रिस्पना से ऋषिपर्णा और कोसी नदी शामिल हैं।
त्रिवेन्द्र ने कहा कि आज इन नदियों के किनारे हरियाली देख मन को अत्यंत संतोष मिला है। अपने वर्चुअल सम्बोधन में पूर्व सीएम ने कहा कि पिछले वर्ष उन्होंने प्रदेश भर में 01 लाख पीपल, बरगद के वृक्षों को लगाने का जो संकल्प लिया था उसे जनसहयोग से पूरा करने में वे सफल हो पाए। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यावरण की रक्षा की खातिर सबको आगे आना होगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पर्यावरणप्रेमी श्री किशन सिंह मलड़ा, कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्री भगवान कार्की, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक और प्रदेश की युवा पीढ़ी आदि उपस्थित रही।