नैनीताल। राजीव गांधी अभिनव आवासीय विद्यालयों को बंद करने का निर्णय फिलहाल राज्य सरकार ने स्थगित कर दिया है। बेतालघाट निवासी सुरेन्द्र सिंह की ओर से राजीव गांधी अभिनव आवासीय विद्यालय मामले को लेकर उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।
इस मामले में मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में गत बुधवार को सुनवाई में राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि सरकार ने इन विद्यालयों को बंद करने का निर्णय फिलहाल स्थगित कर दिया है।
याचिकाकर्ता की ओर से एक जनहित याचिका के माध्यम से कहा गया कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2015 में अंग्रेजी माध्यम के चार राजीव गांधी अभिनव आवासीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया गया।
इनमें से दो विद्यालय कुमाऊं मंडल के बेतालघाट, बेरीनाग और दो गढ़वाल मंडल के जहरीखाल (पौड़ी गढ़वाल) तथा जोशीमठ (चमोली) में खोले दिये गये। इन विद्यालयों में मैरिट के आधार पर प्रवेश के साथ कक्षा छह से 12 की कक्षायें संचालित की जाने लगीं।
याचिकाककर्ता की ओर से कहा गया कि इन विद्यालयों के विकास में सरकार ने करोड़ों का धन खर्च किये गये है। उन्होंने बताया कि 13 मई 2022 को धामी सरकार ने यकायक एक शासनादेश जारी कर इन विद्यालयों को बंद करने के निर्णय के साथ ही इन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को अटल उत्कृष्ट स्कूल तथा राजकीय इंटर कालेज में स्थानांतरित करने के निर्देश दे दिये।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार का यह निर्णय गलत है और संवैधानिक जनादेश के साथ ही बच्चों के मौलिक अधिकारों का हनन है। सरकार की ओर हालांकि अदालत को बताया गया कि सरकार ने फिलहाल इस निर्णय को स्थगित कर दिया है। इसके बाद अदालत ने याचिका को निस्तारित कर दिया है।