नयी दिल्ली । अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों को दिये जाने वाले वेतन और भत्तों से संबंधित प्रणाली को समय पर अमल में लाने के लिए विस्तार से विचार विमर्श किया गया।भारतीय सेना और रक्षा लेखा विभाग के बीच यहां चौथे समन्वय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सहसेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू और रक्षा लेखा महानियंत्रक रजनीश कुमार ने इस सम्मेलन की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की और इसमें भारतीय सेना तथा रक्षा लेखा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
सम्मेलन के प्राथमिक एजेंडे के तहत अग्निपथ योजना और अग्निवीरों के वेतन तथा भत्तों के लिए प्रणाली के समय पर कार्यान्वयन की विस्तार से चर्चा की गयी। इसके अलावा सेना के जूनियर कमीशन अधिकारियों तथा अन्य रैंकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए वेतन और लेखा कार्यालयों की कार्य पद्धति में सुधार करने के बारे में भी बातचीत की गयी। दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने गहन मंथन के बाद भविष्य के लिए ठोस कार्य योजनाएं भी तैयार की।
श्री कुमार ने सशस्त्र बलों से प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और बिल-प्रसंस्करण तथा भुगतान प्रणाली को बदलने के लिए नयी प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के बारे में विभाग के दृष्टिकोण को भी साझा किया। उन्होंने रक्षा लेखा विभाग की विभिन्न पहलों जैसे दर्पण (रक्षा लेखा रसीद, भुगतान और विश्लेषण) और आगामी केन्द्रीकृत वेतन प्रणाली को रेखांकित किया।
सहसेनाध्यक्ष ने रक्षा लेखा विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न पहलों की सराहना की। उन्होंने सेना और रक्षा लेखा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से आंतरिक लेखा परीक्षा और भुगतान के विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए संपूर्ण समन्वय से काम करने का आग्रह किया।