नैनीताल। कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग में कथित अतिक्रमण के आरोप में निलंबित प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) किशन चंद को उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिल पायी है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने उनके मामले को सुनवाई के लिये केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) भेज दिया है। आरोपी किशन चंद को सरकार की ओर से अप्रैल में निलंबित कर दिया गया था।
उनकी ओर से सरकार के निलंबन आदेश को एक याचिका के माध्यम से चुनौती दी गयी। याचिकाकर्ता की ओर से निलंबन आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा गया कि उन पर जो आरोप लगाये गये हैं, वह गलत हैं। दूसरी ओर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि चंद पर गंभीर आरोप हैं।
कार्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग में डीएफओ के पद पर रहते हुए उनके कार्यकाल में मोरघट्टी और पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व अतिक्रमण का आरोप है। सरकार की ओर से याचिका की पोषणीयता पर भी सवाल उठाये गये। इसके बाद अदालत ने मामले को सुनवाई के लिये कैट भेज दिया है। अदालत ने कैट को भी गुण दोष के आधार पर सुनवाई करने के निर्देश दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) और उच्च न्यायालय के निर्देश पर करायी गयी जांच में कालागढ़ वन प्रभाग में अतिक्रमण और पेड़ों के कटान की पुष्टि हुई है। उच्च न्यायालय की ओर से भी मुख्य सचिव को दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये थे।