जिनेवा ।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि विश्व भर में करीब एक अरब लोग किसी न किसी रूप में मानसिक विकार से ग्रस्ति हैं। सदी की शुरुआत के बाद से मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सबसे बड़ी समीक्षा में स्वास्थ्य निकाय ने कहा सबसे अधिक चिंताजनक बात यह है कि इसमें ‘सात किशोरों में से एक’ शामिल है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोविड -19 महामारी के पहले वर्ष में अवसाद और चिंता जैसे सामान्य परिस्थितियों की दर में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। डब्ल्यूएचओ ने एक रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2019 में दुनिया के करीब एक अरब लोग 14 प्रतिशत किशोरों सहित एक मानसिक विकार के साथ जी रहे थे।
100 में से एक से अधिक मौतों का कारण आत्महत्या रहा है और 58 प्रतिशत आत्महत्या 50 वर्ष से कम आयु वर्ग के लोगों ने की है। मानसिक विकार विकलांगता का प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति वाले लोग सामान्य लोगों की तुलना में औसतन 10 से 20 वर्ष पहले मर जाते है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बचपन का यौन शोषण और डराना, धमकाना अवसाद के प्रमुख कारण हैं।
उन्होंने कहा सामाजिक और आर्थिक असमानता, सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति, युद्ध और जलवायु संकट मानसिक स्वास्थ्य के लिए वैश्विक, संरचनात्मक खतरों में से एक हैं। रिपोर्ट में सभी देशों से व्यापक मानसिक स्वास्थ्य कार्य योजना 2013-2030 के कार्यान्वयन में तेजी लाने का आग्रह किया गया है।