स्लोवेनिया और ताजिकिस्तान के साथ आगे बढ़ेंगे राज्य के उद्योग

दोनों देशों के राजदूतों के साथ अफसरों ने किया मंथन 

देहरादून। प्रदेश के उद्योगों को आगे बढ़ाने के लिए स्लोवेनिया गणराज्य और ताजिकिस्तान के साथ मिलकर काम करने के प्रयास शुरू हुए हैं। बुधवार को स्लोवेनिया गणराज्य में भारत के राजदूत, एचई नम्रता एस. कुमार और ताजिकिस्तान गणराज्य में भारत के राजदूत, एच ई विराज सिंह की सचिव उद्योग पंकज पांडेय के साथ बैठक हुई। 
इस बैठक में उत्तराखंड की इन गणराज्यों के साथ व्यापार की संभावनाओं पर चर्चा की गई। एक समग्र चर्चा में आपसी हित के विभिन्न मामलों पर विचार विमर्श के साथ ही किया गया एवं भविष्य में आगे की बातचीत के लिए कुछ सम्भावित सहमति बनी। इस बैठक में महानिदेशक उद्योग रणबीर सिंह चौहान निदेशक उद्योग एससी नौटियाल, निदेशक उद्योग, एवं उद्योग निदेशालय के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इसके बाद उन्होंने विभिन्न एकीकृत औद्योगिक आस्थानों में औद्योगिक विकास के संदर्भ में संभावनाआें को समझने के के लिए सिडकुल कार्यालय का दौरा किया। सिडकुल की बैठक में प्रबंध निदेशक रणबीर सिंह चौहान, महाप्रबंधक पीसी दुम्का ने प्रतिभाग किया। जहां दोनों राजदूतों को सिडकुल के एकीकृत औद्योगिक आस्थानों, आस्थानों के माध्यम से उपलब्ध अवस्थापना और राज्य में प्रमुख उद्योगों के बारे में अवगत कराया गया। स्लोवेनिया की ताकत के बारे में बात करते हुए एचई$ सुश्री नम्रता एस. कुमार ने बताया कि स्लोवेनिया और उत्तराखंड भूगोल, परिदृश्य और वन आवरण के मामले में काफी समान हैं। उन्होंने हरित प्रौद्योगिकी पर्यटन और उत्तराखंड में इसे कैसे विकसित किया जा सकता है, इस बात पर जोर दिया। उन्होंने माउंटेन स्पोर्ट्स टूरिज्म, योग, आयुर्वेद और आयुष से संबंधित अन्य गतिविधियों के बारे में भी चर्चा की।  
ताजिकिस्तान के बारे में एच$ई$ विराज सिंह ने ताजिकिस्तान के जनसंख्या आधार और उत्पादक उपयोग के लिए देश के कम/सीमित भूभाग की स्थितियों का उल्लेख करते हुए बताया कि वहां किस तरह के उद्योग चलते हैं कि लेकिन फिर भी देश में विकास को बढ़ावा देने के लिए लागू की जा रही ब्रांडिंग और मार्केटिंग रणनीतियों के आधार पर बढ़ाने में कामयाब रहा है। उन्होंने ताजिकिस्तान से भारत में निर्यात किए जा रहे कृषि उत्पादों जैसे हींग आदि के बारे में बात की और बताया कि कैसे उच्च गुणवत्ता वाले केसर को ईरानी मार्ग के माध्यम से भारतीय तटों पर ले जाया जा रहा है। उन्होंने उत्तराखंड में कृषि निवेश को आगे बढ़ाने के लिए बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के साथ एक मूल्य श्रृंखला और पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के बारे में बात कीं। प्रबंध निदेशक रणबीर सिंह चौहान ने दोनों राजदूतों का उत्तराखंड भ्रमण पर आने के लिए धन्यवाद प्रकट किया।

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