पंचायत चुनाव : 27 को गोंदलपुरा में वोटिंग, प्रत्याशियों ने लगाया एड़ी-चोटी का जोर

इस बार के चुनाव में भ्रष्टाचार प्रमुख मुद्दा, बदलाव की आहट*

बड़कागांव (हजारीबाग)। बड़कागांव के गोंदलपुरा पंचायत में चुनवी सरगर्मी अपने चरम पर है। यहाँ चौथे चरण के तहत 27 मई को मतदान होना है। इस बार यहाँ 9 प्रत्याशी मैदान में हैं। सभी ने एड़ी – चोटी का जोर लगाकर जनसम्पर्क अभियान चलाया है।

प्रत्याशी डोर टू डोर और रोड शो कर जनता से वोट मांग चुके हैं। अब मतदान की बारी है और जनता को अपना निर्णय लेना है। इलाके का विकास और बेहतरी हर प्रत्याशी के चुनावी एजेंडे में शामिल है। हालाँकि, गोंदलपुरा की स्थिति अभी भी बहुत पिछड़ी हुई है।

मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव, आधारभूत संरचनाओं की कमी और सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार इस बार का मूल मुद्दा है। साथ ही यह इलाका कोयले से भरपूर है। सरकारी कंपनियों के अलावा निजी कम्पनियाँ को भी यहाँ कोयला मंत्रालय के द्वारा कोल ब्लॉक आवंटित किये गए हैं। यह भी इस बार के चुनाव का मुद्दा है।

कौन-कौन हैं रेस में

जानकारी के अनुसार, इस बार यहाँ कड़ी टक्कर है। पिछले दो बार से लगातार श्रीकांत निराला और उनकी पत्नी पानो देवी यहाँ मुखिया रही हैं, लेकिन इस बार रामेश्वर महतो और वासुदेव यादव के बीच कड़ी टक्कर हैं। श्रीकांत निराला भी रेस में बताये जा रहे हैं।

अन्य उम्मीदवारों में नरेश कुमार महतो, विनय कुमार, लालदेव कुमार, गीता देवी, बालदेव गंझू और लालदेव कुमार शामिल हैं। ग्रामीणों के अनुसार, जनता ने इस बार बदलाव का मन बना लिया है। पिछले दस वर्षों से अपेक्षा के अनुसार काम का नहीं हो पाना, रोजगार और पलायन की स्थिति में कोई सुधार नहीं हो पाने से ग्रामीणों में रोष व्याप्त है।

पांचायत में भ्रष्टाचार चरम पर

गोन्दलपुरा के एक ग्रामीण प्रमोद कुमार मेहता का कहना है कि पिछले बार के चुनाव में सभी लोगों ने मिलकर मुखिया पानो देवी (पति-श्रीकांत निराला) को मेहनत करके निर्विरोध विजेता बनाया था। ग्रामीणों को इनसे बेहद उम्मीद थी। इनका पहला कार्यकाल अच्छा भी रहा था, लेकिन इस बार ग्रामीणों को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है। पंचायत में भ्रष्टाचार चरम पर है। सभी कार्य सिर्फ कागजों पर दिखाए गए हैं, जमीन पर कहीं कोई काम नहीं हुआ है। यही कारण है कि आज उनके विरोध में नौ-नौ उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।

सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मिली कि कोरोना महामारी से जिनकी मृत्यु हुई, उनके परिजनों के लिए सरकार ने आर्थिक सहायता का प्रावधान किया था। इसके लिए गोंदलपुरा पंचायत को राशि आवंटित भी की गयी, लेकिन किसी भी ग्रामीण को इसका लाभ आज तक नहीं मिला।

शौचालय निर्माण और पीएम आवास योजना में भ्रष्टाचार से ग्रामीणों में रोष

यहाँ शौचालय निर्माण में भारी गड़बड़ी हुई है। पीएम आवास निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है। 30-40 हजार रुपये लाभुकों से लिए गए हैं। इसके बाद इसका आवंटन और निर्माण शुरू हुआ है। इसमें ब्लॉक से लेकर मुखिया तक की मिलीभगत है। ये सब बड़े मुद्दे हैं। गांव में जो स्कूल है, वहां के सञ्चालन में भी काफी गड़बड़ियां मिली थी।

इसकी जांच भी हुई, लेकिन स्कूल के किसी भी शिक्षक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। राजकीय विद्यालय गोन्दलपुरा में रजिस्टर पर बच्चे उपस्थित रहते हैं, लेकिन क्लास में वो कभी नहीं मिलते।

गोन्दलपुरा पंचायत भवन में न कोई निर्माण हुआ है, न कोई साफ़-सफाई होती है। इसका कोई रखरखाव नहीं होता है। हमारी राज्य सरकार से मांग है कि इसपर ध्यान दिया जाये। इसे ग्रामीणों ने आदर्श के रूप में स्थापित किया था।

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