जमीन के फर्जीवाड़े में रिश्तेदारों के नाम आने से अफसरों में हडक़ंप 

देहरादून।  सोशल मीडिया में अरबपति भू-माफिया और गैंगस्टर यशपाल तोमर के साथ उत्तराखंड के कुछ बड़े अफसरों के रिश्तेदारों का नाम जमीन खरीद-फरोख्त फर्जीवाड़े में आने से प्रदेश की नौकरशाही में हडक़ंप है।
माना जा रहा है कि हरिद्वार जिले में डीएम और कप्तान के रूप में तैनात रहे प्रदेश के दो आईएएस और एक आईपीएस ने अपने परिजनों-रिश्तेदारों के नाम भूमाफिया यशपाल तोमर से सांठ-गांठ कर जमीनों की खरीद-फरोख्त की है।
उत्तराखंड के सोशल मीडिया में यह पोस्ट खूब वायरल हो रही है। पोस्ट में कहा गया है कि ग्रेटर नोएडा पुलिस ने उत्तराखंड के दो वरिष्ठ आईएएस और एक आईपीएस अफसर के संबंधियों पर जमीन खरीद फरोख्त में फर्जीवाड़ा का मुकदमा दर्ज हुआ है।
इसमें मुख्य आरोपी यशपाल तोमर है, जिसके खिलाफ उत्तराखंड में भी जमीनों के जबरन खरीद और फर्जीवाड़ा के कई मुकदमे दर्ज हैं।
शेष आरोपियों में एक आईएएस अफसर का ससुर, एक आईएएस के पिता और आईपीएस की मां नामजद है। इस एफआईआर के बाद उत्तराखंड की नौकरशाही में भूचाल आ गया है। सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तक भी इस मामले की जानकारी पहुंच गई है।
 मामला अनुसूचित जाति की जमीनों की अवैध खरीद से जुुुड़ा है और गैंगस्टर यशपाल तोमर पर सीधी कार्रवाई की जानी हैं।
ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय को अवगत करवाने के बाद मामले में रविवार को एक नई एफआईआर दर्ज हुई है।  एफआईआर में यशपाल तोमर के चिटहेरा गांव भू घोटाले में अब इन सभी को नामजद किया गया है।
बता दें कि पश्चिमी यूपी के रहने वाले भू माफिया यशपाल तोमर के खिलाफ हरिद्वार के कनखल, ज्वालापुर एवं शहर कोतवाली में 13 मई 2022 को चार अलग-अलग मुकदमे दर्ज हैं।
कनखल में कांग्रेसी नेता तोष जैन के घर में घुसकर हत्या की धमकी देने के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया गया है। ज्वालापुर में दिल्ली के प्रपर्टी डीलर भरत चावला ने रंगदारी एवं जबरन भूमि कब्जाने समेत प्रभावी धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। इसके बाद एसटीएफ ने गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था।
गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे के चलते ही उसकी 153 करोड़ की भूमि एसटीएफ कुर्क कर चुकी है और चौथा मुकदमा शहर कोतवाली में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट को गुमराह कर चौपहिया वाहन रिलीज कराने के संबंध में एसटीएफ ने दर्ज कराया था।
एफआईआर में जिन लोगों के नाम हैं उनमें यशपाल तोमर पुत्र महेंद्र तोमर, नरेंद्र कुमार पुत्र  पिताम्बर, कर्मवीर पुत्र प्यारे लाल, बैलु पुत्र राम स्वरूप, कृष्ण पाल पुत्र छोटे, एम भास्करन पुत्र मनी अय्यम पिल्लई, केएम संत उर्फ खचेरमल पुत्र रेवती प्रसाद, गिरीश वर्मा पुत्र राम प्रताप वर्मा और सरस्वती देवी पत्नी स्वरूप राम हैं।
 मामला उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के चिटहेरा गांव का है। गांव में पट्टों की जमीन के क्रय-विक्रय में नियमों को ताक पर रखा गया था। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) वंदिता श्रीवास्तव की जांच में इसका खुलासा हुआ है।
जांच के आधार पर चिटहेरा गांव के लेखपाल शीतला प्रसाद ने भू-माफिया यशपाल तोमर समेत कुल नौ लोगों के खिलाफ शनिवार को दादरी कोतवाली में मामला दर्ज कराया।
 पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि यशपाल तोमर इन नौकरशाहों के संपर्क में कैसे आया। चूंकि जमीनें नौकरशाहों के नाम पर नहीं हैं बल्कि उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर हैं। ऐसे में परिवारजन ही बताएंगे कि वह यशपाल के संपर्क में कैसे आए।

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