पटना । राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के बीच बढ़ती नजदीकियों से भाजपा असहज हो गई है और इसी कारण उसने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से श्री लालू प्रसाद यादव और श्रीमती राबड़ी देवी के ठिकानों पर छापा डलवाया है।
तिवारी ने कहा कि श्री लालू प्रसाद यादव और श्रीमती राबड़ी देवी से जुड़े अन्य स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी कहीं श्री नीतीश कुमार को चेतावनी तो नहीं है ।
उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती नजÞदीकी भाजपा को असहज कर रही है । छापेमारी के समय का चयन तो इसी ओर इशारा कर रहा है ।
राजद नेता ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जातीय जनगणना के विरुद्ध है । जातीय जनगणना से यह सामने आ जाएगा कि किनकी कितनी संख्या है और उसके अनुपात में देश के संसाधनों का कौन कितना उपभोग कर रहा है ।
इस जानकारी के बाद बहुसंख्यक आबादी जो वंचित है उसमें साधनों के बँटवारे की सशक्त और वैध मांग उठ सकती है । तिवारी ने कहा, “अन्यथा इतने पुराने मामले में अब तक नींद में सोई सीबीआई अचानक कैसे जाग गई । वह भी जब श्री नीतीश कुमार जातीय जनगणना के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने जा रहे हैं, लेकिन ऐसी कार्रवाई के द्वारा सच को कब तक दबा कर रखा जा सकता है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने आज रेलवे भर्ती घोटाले के मामले में सीबीआई ने श्री लालू प्रसाद यादव,पत्नी राबड़ी देवी और बड़ी पुत्री मीसा भारती के 17 ठिकानों पर छापेमारी की है । दरअसल श्री लालू प्रसाद यादव वर्ष 2004 से 2009 के बीच संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में रेल मंत्री थे ।
इसी दौरान रेलवे में भर्ती के लिए कथित तौर पर जमीन लिखवाने के आरोप से संबंधित एक नया मामला श्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों पर दर्ज होने के बाद सीबीआई ने यह कार्रवाई की है ।