देहरादून। मुख्तार मोहसिन ने कहा कि प्रतिवर्ष प्रदेश में 800 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हो जाती है। वह मानव अधिकार से संबंधित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आम लोगों के सड़क पर चलने के अधिकार की वकालत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों से यातायात नियमों के पालन करने तथा दूसरों को प्रेरित करने की अपील की।
मानव अधिकार संरक्षण केन्द्र उत्तराखण्ड देहरादून चौप्टर द्वारा चारधाम यात्रा और यातायात व्यवस्था पर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को मुख्तार मोहसिन निदेशक यातायात ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया।
कार्यक्रम में निदेशक यातायात ने ट्रैफिक और मानव अधिकारों के सम्बोधन के बारे में बताते हुए कहा गया कि हर व्यक्ति को जिन्दगी गुजारने के लिए आम जरुरतें पूरी होना अति आवश्यक है। सड़क में चलना हर व्यक्ति की स्वतंत्रा है और कहीं पर उसकों रोका जा रहा है तो कहा जा सकता है कि उसके अधिकारों को रोका जा रहा है। परन्तु ट्रैफिक जंक्शन पर चारों तरफ से अगर ट्रैफिक चलेगा तो दुर्घटना की संभावना बढ़ सकती है। तो ट्रैफिक जंक्शन पर ट्रैफिक सिग्नल लगाकर सड$क दुर्घटना से बचने के लिए कुछ देर के लिए लोगों के रोका जाता है जो की मानवीय जीवन की रक्षा को ध्यान में रखकर उठाये गये कदम है।
अगर इस तरह के कदम न उठाये जाए तो मानव जीवन को खतरा आ जायेगा और मानव अधिकार खतरे में आ जायेंगे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटना में 13 लाख लोग अकाल मृत्यु को प्राप्त होते है।
वहीं भारत में हर वर्ष लगभग 1.5 लाख लोग अकाल मृत्यु को प्राप्त होते है। उत्तराखण्ड में सड$क दुर्घटना में हर वर्ष औसतन 800 लोगों की मृत्यु हो जाती है। सड़क दुर्घटना का दुष्प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। भारत में सड़क दुर्घटना से लगभग 3 प्रतिशत जीडीपी का नुकसान होता है।
चारधाम यात्रा में आने वाले यात्रियों से अपील करते हुए निदेशक यातायात उत्तराखण्ड द्वारा अपील की गई कि बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा न करें। क्योंकि इससे असुविधा होगी।
उक्त कार्यक्रम में राजेश टंडन पूर्व न्यायाधीश नैनीताल उच्च न्यायालय को सम्मानित किया गया। उक्त कार्यक्रम के दौरान डा अभिषेक जैन प्रबंध निदेशक अरिहन्त अस्पताल, कुवंर राज अस्थाना, आमिर खुर्शीद अहमद, अकबर सिद्दकी आदि मौजूद रहें।