दर्पण की तरह साफ होनी चाहिए पत्रकारिताः डॉ. सैनी
मौहम्मद शाहनजर जिला अध्यक्ष व मूलचन्द्र महामन्त्री निर्वाचित
देहरादून। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आजाद बी सैनी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास की प्रक्रिया में मीडिया का अहम स्थान है। पत्रकारिता शीशे की तरह साफ होनी चाहिये। यह प्रयास किया जाना चाहिये कि इससे समाज को नई दिशा मिल सके।
यह बात उन्होंने परेड ग्राउण्ड़ स्थित उज्जवल रेस्टोरेंट में आयोजित जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड़ के जिला इकाई के द्विवार्षिक अधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए कही।
उन्होंने कहा कि जब कभी भी किसी सरकार ने जनविरोधी नीतियों को लागू करने की कोशिश की तो मीडिया ने जनता की आवाज बनकर उसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया के इसी महत्व को देखते हुए इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। पत्रकारों को हमेशा सच लिखना चाहिये।
कई बार किसी व्यक्ति के बारे में ऐसा समाचार प्रकाशित हो जाता है जिससे कि सम्बन्धित व्यक्ति का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता है। इससे बड़ी पीड़ पहुंचती है। पत्रकारों को सच जानकर ही समाचार प्रकाशित करना चाहिये।
विशिष्ट अतिथि दून सरला एकेडमी के प्रबन्धक सुरेश चन्द्र जोशी ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश को स्वाधीनता दिलाने में पत्रकारिता का बड़ा योगदान रहा है।
स्वाधीनता आंदोलन के बाद आपातकाल के दौर में भी समाज के भीतर जागरूकता पैदा करने का कार्य पत्रकारों ने किया है। आजादी से पूर्व और उसके बाद की पत्रकारिता में काफी बदलाव आये है।
आजादी से पूर्व की पत्रकारिता तपस्या, बलिदान व सिद्वांतों की पत्रकारिता थी। आजादी के बाद परिस्थितियां बदली है। पत्रकारिता पहने मिशन हुआ करती थीं जिसमें पत्रकार का दमन भी हुआ, कुचला भी गया, मगर उसने व्यवस्था के सम्मुख सम्पर्ण नहीं किया।
अब पत्रकारिता मिशन न रह कर व्यवसाय बन गयी है। समय के साथ पत्रकारिता के माध्यमों में भी परिवर्तन हुआ है। प्रेस मीडिया के अलावा इलैक्ट्रिानिक व वेब मीडिया का आगमन हुआ है। जो खबरों व घटनाओं को लोगों तक तुरन्त पहुंचाते है।
उसके बावजूद आज भी समाचारपत्रों की खबरों की विश्वसनीयता बरकरार है। उन्होने कहा कि जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड़ पत्रकारिता के उच्च आदर्शो व परम्पराओं का ख्याल रखते हुए पत्रकार हितों के लिए जो कार्य कर रही है वह सराहनीय है।
इस अवसर पर जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखन्ड के प्रदेश अध्यक्ष उमाशंकर प्रवीण मेहता ने कहा कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाने वाली पत्रकारिता आज खतरे में है। इसके लिए हम सरकारों को ही दोष नहीं दे सकते। पत्रकार भी इसके लिए बराबर के दोषी है।
उन्होने कहा कि पत्रकार अपने निजी हितों के लिए उस हद तक जाने के लिए तैयार हैं जिससे उनकी विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। दूर संचार क्रांति के इस युग में मेहनत-मशक्कत छोड़ रेडी मेड़ को अपना लिया है।
दूसरे हम अपनी पसंद न पसंद के चलते बंट गए हैं। हमें सच और झूठ का ही पता नहीं चल पा रहा है। आज जरूरत इस बात की है कि मीडिया जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों पर आवाज उठाएं। उन्होने पत्रकारों की समस्याओं का भी जिक्र किया और कहा यूनियन लगातार पत्रकारों की 5 समस्याओं के समाधान को प्रयासरत है।
यूनियन के महामन्त्री गिरीश पन्त ने राज्य गठन के 22 वर्षो बाद भी प्रेस मान्यता कमेटियों के गठन न होने पर सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अफसरों की मनमानी से पत्रकारों को मान्यता दी जा रही है। जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है।
उन्होंने पत्रकारों की मेडिकल समस्याओं से लेकर पत्रकार पेंशन योजना की खामियों का जिक्र करते हुए कहा कि यूनियन ने सरकार से अतिशीघ्र पत्रकारों की समस्याओं को सुलझाने की मांग की है।
यूनियन के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि हम सबको पत्रकारिता के दायित्व का निर्वहन संजीदगी से करना चाहिए। यूनियन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरूण प्रताप सिंह ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर मीडिया बेलगाम हो गया है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता आम आदमी से दूर होकर खास आदमी की होकर रह गयी है। यूनियन के जिला महामन्त्री अवनिश गुप्ता ने यूनियन की गतिविधियों के बारे में बताया।
यूनियन की जिला इकाई के अध्यक्ष चेतन सिंह खड़का ने यूनियन की कार्यप्रणाली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जर्नलिस्ट यूनियन आफ उत्तराखंड़ प्रदेश में पत्रकारों की सबसे बड़ी संस्था है और पत्रकारों की समस्याओं का समाधान शासन स्तर पर करवाना यूनियन की प्राथमिकता में से एक है।
अधिवेशन में वरिष्ठ पत्रकार संजीव शर्मा, समाज सेवी जय भगवान, प्रयावर्णविद जगदीश बावला, धाद संस्था के संस्थापक लोकेश नवानी, श्रमजीवि पत्रकार यूनियन के अध्यक्ष मनमोहन लखेड़ा व समाज सेवी जयभगवान आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का संचालन मौहम्मद शाहनजर व अध्यक्षता चेतन खड़का ने की। अधिवेशन के दूसरे सत्र में देहरादून जिला इकाई के लिए चुनाव सम्पन्न हुआ। जिसमें सर्वसम्मति से मौहम्मद शाहनजर को देहरादून इकाई का जिला अध्यक्ष चुना गया। महामंत्री पद पर मूलचंद्र शीर्षवाल एवं कोषाध्यक्ष पद पर ज्योति भट्ट ध्यानी को निर्वाचित किया गया।
अन्य पदों पर मनोनयन करने का अधिकार नवनियुक्त अध्यक्ष व महामंत्री को सौंपा गया। इस अवसर पर विरेन्द्र दत्त गैरोला, संजीव शर्मा, संजय पाठक, दीपक गुप्ता, अधीर मुखर्जी, मौ. खालिद, पूनम भण्डारी, अरूणेन्द्र भन्डारी, सतीश पुन्डीर, शिवेश्वर दत्त पान्डे,, त्रिलोक पुण्डीर, संजीव पंत, ललिता बलूनी, संजय अग्रवाल, समीना मलिक, अधीर मुखर्जी, दीपक गुप्ता, गिरीश चन्द्र तिवारी, अनुराधा ढौढियाल, चैतराम भट्ट, दीपक सक्सेना, भानु काला, कंवर सिंह सिद्दू, अभिनव नायक, अफरोज खान, प्रदीप रोहिला, मुकेश सिंघल अदि सहित बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद थे।