हरिद्वार।उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बुधवार को गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंचे। रावत ने अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय डा. प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी से मुलाकात की।
इस अवसर पर प्रमुखद्वय और रावत के बीच उत्तराखण्ड के विकास में युवाओं की भूमिका, संस्कार परंपरा, चार धाम यात्रा सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर डा. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि गायत्री परिवार नि:स्वार्थ भाव से जुटे स्वयं सेवकों का समूह है। जो सम्पूर्ण विश्व में अपनी विशिष्ट कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि इन दिनों उत्तराखण्ड में चार धाम की यात्रा चल रही है।
हमारे अनेक स्वयंसेवक यात्रा को कुशलता पूर्वक सम्पन्न कराने में प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं। संस्था की अधिष्ठात्री शैलदीदी ने कहा कि पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य के बताये सूत्रों के अनुसार शांतिकुंज संस्कार परंपरा को पुनर्जीवित करने का काम कर रहा है।
यही कारण है कि उत्तराखण्ड सहित देश के कोने-कोने से बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों के साथ नामकरण, मुण्डन, विवाह सहित अन्य संस्कारों को सम्पन्न कराने शांतिकुंज आते हैं। इस दौरान डा. प्रणव पण्ड्या ने पूर्व मुख्यमंत्री का युगसाहित्य एवं गायत्री मंत्र लिखित चादर भेंटकर सम्मान किया।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि शांतिकुंज आकर मन को सुकून मिलता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिकुंज वैदिक एवं सादगी के साथ संस्कार परंपरा को आगे बढ़ा रहा है, यह सुखद है।