नयी दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी मुख्यालय में उदयपुर में होने वाले चिंतन शिविर पर विचार विमर्श किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, उदयपुर में आयोजित होनेवाले पार्टी का चिंतन शिविर महज अनुष्ठान नहीं बनना चाहिए बल्कि वहां से पार्टी के पुनर्गठन के साथ नये युग का स्पष्ट संदेश जाना चाहिए।
उन्होंने कहा ‘‘आपको याद होगा कि मैंने पिछली बैठक में चिंतन शिविर आयोजित करने की बात की थी और यह 13, 14 और 15 मई को उदयपुर में आयोजित किया जा रहा है जिसमें लगभग 400 सहयोगी भाग लेंगे।
चिंतन शिविर महज एक अनुष्ठान न बने बल्कि इसमें पार्टी के सामने आने वाली वैचारिक, चुनावी और प्रबंधन संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए पार्टी संगठन को पुनर्गठित कर नई शुरुआत करनी है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि शिविर से संदेश प्रमुखता से जाना चाहिए कि पार्टी नये जोश के साथ त्वरित प्रभाव से आगे बढने को तैयार है और इसके लिए उसके सभी नेता और कार्यकर्ताओं एकजुट, दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता हैं।
शिविर में जिन 400 प्रतिनिधियों को बुलाया गया है वे सभी वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी संगठन के साथ ही केंद्र सरकार में दूसरे महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में छह खंडों में विचार-विमर्श होगा जिनमें राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक न्याय, किसान, युवा और संगठनात्मक मुद्दों को उठाया जाएगा इन मुद्दों के बारे में प्रतिनिधियों को पहले ही सूचित किया जा चुका है।
सभी मुद्दों पर विचार विमर्श के बाद 15 मई को कार्य समिति की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद उदयपुर नव संकल्प को अपनाया जाएगा।