नेता प्रतिपक्ष यशपाल ने उठाया घटिया डामरीकरण का सवाल

ठेकेदार और प्रशासन का गठजोड़ कर रहा है सरकारी धन की बंदरबांट

हल्द्वानी । नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने डामरीकरण की गुणवत्ता पर गहरे सवाल उठाए हैं। उन्होंने दावा किया है कि प्रशासनिक और ठेकेदारों का गठजोड़ गुणवत्ताहींन डामरीकरण कर खानापूर्ति पर उतर गया है।

इससे पूरे राज्य में एक दो महिने में ही डामरीकरण की गई सडक़ें चलने लायक नहीं रह जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। उन्होंने सीएम से डामरीकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

उन्होंने सरकार को चेताया है कि यदि समय रहते इस मामले में चुप्पी नहीं तोड़ी गई तो सदन के भीतर एवं बाहर सरकार को चैन से नहीं बैठने दिया जाएगा।

बृहस्पतिवार को यहां जारी एक लिखित बयान में उन्होंने कहा कि कुमाऊं एवं गढ़वाल की कई सडक़ों में एक तरफ से डामरीकरण किया जा रहा है तो दूसरी तरफ से डामरीकरण करने से पहले ही एक तरफ का डामर उखडऩे लगा है।

गुणवत्ता की शिकायत करने पर उखड़े हुए डामरीकरण के स्थानों पर टल्ले लगाकर लीपापोती की जा रही है। कई स्थानों पर एक इंच से भी कम परत चढ़ाई गई है। कुछ स्थानों को बिना सोलिंग और सफाई के डामर पोता जा रहा है। पैर की ठोकर लगने से ही डामर उखड़ रहा है। इस तरह के डामरीकरण के खिलाफ जगह-जगह ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार / प्रशासन / विभागीय अधिकारीगण चुपी साधे हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत और सरकार और विभाग की चुप्पी से बनाई जा रही सड़कों में व्यापक भ्रष्टाचार हो रहा है। करोड़ों रुपये भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। एक तरह से प्रशासन सरकारी धन की जमकर बंदरबाट कर रहा है।

शिकायतों के बाद भी ठेकेदार और संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर किसी तरह की कार्यवाही नहीं हो रही। इससे लग रहा है कि यह सब काम सरकार के इशारे पर चल रहा है।

श्री आर्य ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने सम्पूर्ण राज्य में घटिया स्तर के डामरीकरण करने वाले ठेकेदार और जिम्मेदार अफसरों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो इसके खिलाफ सदन के भीतर एवं बाहर सरकार को घेरा जाएगा। उन्होंने कहा कि जरुरत पडऩे पर वे आंदोलन भी कर सकते हैं।

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