गोपेश्वर। सिखों के प्रसिद्ध तीर्थ हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग से वर्फ हटाने का काम जोर पकडऩे लगा है। इसके चलते माना जा रहा है कि जल्द ही यात्रा मार्ग सुचारू हो जाएगा।
दरअसल हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग से वर्फ हटाने का जिम्मा सेना संभालती रही है। इस बार भी सेना के जवान रास्ते से वर्फ हटाने के अभियान में जुट गए हैं। अभी तक दो किमी मार्ग से वर्फ हटा कर आवाजाही बेहतर कर दी गई है।
अटलाकोटी ग्लेशियर प्वाइंट पर 500 मीटर में ग्लेशियर हटाए जा चुके हैं। इसके बावजूद अभी 250 मीटर वर्फ काटने का काम बाकी रह गया है। सेना की इंजीनियरिंग कोर के जवान वर्फ हटाने और मार्ग सुचारू करने में पसीना बहा रहे हैं।
हेमकुंड गुरू द्वारा प्रबंधक कमेटी के उपाध्यक्ष और राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा तथा गोविंदघाट गुरू द्वारा प्रबंधन कमेटी के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि सेना के जवानों को हेमकुंड साहिब मार्ग से वर्फ हटाने में सफलता मिलती जा रही है।
इसके चलते उम्मीद की जा रही कि जल्द पैदल मार्ग आवाजाही के लिए सुचारू हो जाएगा। हेमकुंड मार्ग पर अटलाकोटी में 3 से 4 फीट ऊचे ग्लेशियर रास्ते में पसरे हैं। हेमकुंड मार्ग को साफ करने में ग्लेशियरों के गिरने का खतरा भी बना हुआ है।
इसके चलते अनुभवी इंजीनियरिंग कोर के जवान तकनीक से ग्लेशियर काट कर रास्ता साफ कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि हेमकुंड साहिब सरोबर के आस-पास तथा हेमकुंड साहिब गुरू द्वारा के इर्द-गिर्द अभी भी 5 से 6 फीट वर्फ जमी है।
बताया गया कि हेमकुंड साहिब मार्ग पर जमी वर्फ हटाने के बाद सेना इंजीनियरिंग कोर के जवान हेमकुंड परिसर की वर्फ हटाने को पहुंचेंगे। गौरतलब है कि आगामी 22 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने जा रहे हैं।
इसके चलते पैदल मार्ग से वर्फ को हटाने का काम सेना के जवानों ने तेज कर दिया है। इसके चलते उम्मीद जताई जा रही है कि कपाट खुलने से काफी पूर्व ही आवाजाही सुचारू हो जाएगी। इससे उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हेमकुंड साहिब में व्यवस्था बनाने की राह आसान होगी।