देहरादून। गढ़वाल से कांग्रेस के एक बड़े चेहरे के भाजपा में जाने के कयासों पर पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा ,मैं तो बड़ा चेहरा हूं नहीं जो है वह इसका जवाब दे सकते हैं। बता दें कि शुक्रवार को सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म था कि कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा भाजपा में जा सकता है।
प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पर नियुक्तियों के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में मची रार खत्म होती नहीं दिख रही है। मौजूदा हालात में कांग्रेस में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे एक और पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की राह पर चलकर भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
प्रदेश कांग्रेस के प्याले में आया तूफान थम नहीं रहा है। सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो रही है कि एक पूर्व अध्यक्ष कांग्रेस में खुद को खासा उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
चर्चा है कि वे भाजपा के आला नेताओं के संपर्क में हैं और कांग्रेस छोड़ने के बाद अपना सियासी भविष्य तलाश रहे हैं। चर्चा तेज है कि बातचीत अंतिम दौर में हैं और वे किसी भी रोज कांग्रेस को बय-बय कर सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि नेताजी को भाजपा में जाना फायदे का सौदा लग रहा है। कांग्रेस में रहकर नेताजी अपने युवा पुत्र को सियासत में आगे नहीं बढ़ा सके हैं। नई पार्टी में उन्हें बेटे का भविष्य भी दिख रहा है।
बताया जा रहा है कि नेताजी अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर अपनी ही सीट ने नई पार्टी के टिकट पर बेटे को विधायक बनवा सकते हैं। इतना ही नहीं टिहरी लोकसभा सीट के लिए 224 में चेहरा तलाश कर रही भाजपा के लिए मुश्किल आसान कर सकते हैं। इस लिहाज से पिता और पुत्र दोनों का सियासी भविष्य बेहतर हो जाएगा।
यहां बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और महिला कांग्रेस की अध्यक्षा रहीं सरिता आर्य भाजपा का दामन थाम कर अपना सियासी वजूद बचा चुके हैं।
आज पूरे दिन भर से कांग्रेस के एक बड़े लीडर कि जल्द बीजेपी में शामिल होने की बातें सामने आ रही थी कयास लगाए जा रहे थे कि वह बड़े नेता प्रीतम सिंह हो सकते हैं ।राजनीतिक पंडित प्रीतम की नाराजगी के अपने अपने मायने बता रहे थे जिसमें एक तो उन्हें नेता प्रतिपक्ष ना बनाया जाना जैसे मामले थे । हालांकि यह तमाम बयान कयासों के अलावा अभी कुछ नहीं है वही मीडिया में जब
प्रीतम सिंह ने सीधे तौर पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी एक आसी पार्टी है जो अपने फायदे के लिए धर्म की राजनीति करती है उनके अनुसार जो मूलभूत समस्याएं है उनसे ध्यान हटाने के लिए इस तरह की की राजनीति की जाती है।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि इसका फैसला लेने का अधिकार मेरा नहीं पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष , नेता प्रतिपक्ष और पार्टी हाईकमान को ये निर्णय लेना है प्रीतम सिंह ने कहा कि लेकिन में चाहता हूँ कोई बड़ा चेहरा चुनाव लड़े ताकि हम आगामी 24—25 की आधारशिला मजबूती से रख सके ।हरीश रावत के चंपावत से उपचुनाव में खड़े होने के सवाल पर प्रीतम सिंह बोले कि वो भी हो सकते है क्यूँकि सांसद रहे है वो कुमाऊँ से और कांग्रेस में उनसे बड़ा ना कोई नेता है ना कोई चेहरा है ।