नयी दिल्ली । जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना समयानुकूल है। मंत्री तोमर ने एग्रीकल्चर टुडे ग्रुप द्वारा आज यहां आयोजित बायो कृषि एशिया-2022 का शुभारंभ करते हुए कहा कि योजनाबद्ध कार्य कर 38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती में कवर किया गया है।
प्रधानमंत्री प्राकृतिक खेती पर भी जोर दे रहे हैं, जो प्राचीन भारतीय कृषि पद्धति ही है। इसके लिए मिशन मोड पर काम शुरू किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर संतोष जताया कि भारत सहित एशिया में जैव कृषि के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
कृषि और जैव कृषि के क्षेत्र में हितधारकों को साथ लाने की यह अच्छी पहल है। इस तरह के आयोजन वैश्विक स्तर पर गति प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारा देश कृषि की दृष्टि से बहुत गंभीर है, जहां कृषि की प्रधानता है और बड़ी आबादी की निर्भरता इस पर है।
कृषि हमारी अर्थव्यवस्था में रीढ़ के समान हैं। कोरोना के संकटकाल जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी हमारे कृषि क्षेत्र ने सकारात्मक प्रदर्शन किया है। कृषि उपज का निर्यात भी काफी बढ़ा है।
वर्ष 2021-22 में कृषि एवं सम्बद्ध निर्यात लगभग पौने चार लाख करोड़ रूपये का रहा, जो बीते साल से लगभग साढ़े चौबीस प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि किसानों तथा वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों तथा सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण बंपर उत्पादन हो रहा है और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से अन्य देशों को भी हम आपूर्ति कर रहे है।
प्रधानमंत्री ने भारत की इस सैद्धांतिक ताकत को पूरी दुनिया में स्थापित किया है। तोमर ने कहा कि सरकार द्वारा किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए हर साल छह हजार रुपये की आय सहायता प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से देने, एक लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना कर ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाएं जुटाने, 10 हजार नए कृषक उत्पादक संघ बनाने, किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर किसानों को अल्पकालिक सरल ऋण उपलब्ध कराने, प्रधानमंत्री फसल बीमा द्वारा प्राकृतिक आपदाओं की जोखिम कवर करने सहित अनेक कल्याणकारी योजनाएं-कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
फिलीपींस के कृषि मंत्री डा. विलियम डार, भारत में अर्जेटीना के राजदूत हुगो हेवियर गोब्बी, ऐलगाइनर्जी-स्पेन के ग्लोबल सीईओ डा. डगलस री वैगनर, प्रतिष्ठा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष डा. के.वी.एस.एस. सांईराम ने भी विचार रखें।