चीन सीमा तक चौड़ा होगा धारचूला से लिपुलेख मार्ग
केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने 650 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी दी
- तवाघाट से काली नदी के उद्गम पर स्थित कालिका मंदिर तक 76 किलोमीटर का है यह स्ट्रेच
देहरादून। धारचूला से लिपुलेख मार्ग अब चीन सीमा तक चौड़ा होगा। उत्तराखंड में चीन सीमा से जुड़ने वाली इस बेहद अहम रोड को चौड़ा किए जाने को लेकर केंद्रीय सड$क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने वित्तीय मंजूरी दे दी है।
यह मार्ग पिथौरागढ़ स्थित तवाघाट से शुरू होकर उत्तराखंड में टनकपुर तक उस स्ट्रेच तक जाता है, जो चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख से जुड़ता है। तवाघाट से काली नदी के उद्गम पर स्थित कालिका मंदिर तक के 76 किलोमीटर के स्ट्रेच के लिए 650 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी दी है। पिछले साल दिसंबर में इस स्ट्रेच को मंत्रालय ने नेशनल हाईवे के तौर पर घोषित किया था।
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए यह रूट सबसे छोटा होगा,इस रूट से भारतीय सीमा से ही कैलाश मानसरोवर यात्रा हो सकेगी। अनुमान है कि इस पर 1,0000 वाहन रोजाना चल सकेंगे। यह रूट सेना के लिए सप्लाई के लिहाज से भी काफी अहम बताया जा रहा है।
बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तराखंड के सीमांत इलाके धारचूला से लिपुलेख की रोड लिंक का शुभारंभ करते हुए पिथौरागढ़ से गुंजी तक के लिए एक वाहन दल को भी हरी झंडी दिखाई थी।
इसके करीब दो साल बाद इस रोड के विकास के लिए यह बड़ा कदम उठाया गया है। इस प्रोजेक्ट के लिए अगले तीन सालों में इस निर्माण कार्य के लिए 650 करोड़ रुपये का बजट मंजूर कर दिया गया है।
बॉर्डर सड़क संगठन ने पहाड़ काटने का काम पूरा कर लिया है। हाल में सड़क परिवहन व हाईवे मंत्रालय के सचिव गिरधर आरामणे ने इस रोड लिंक का हवाई सर्वेक्षण किया था अधिकारियों के मुताबिक अभी टनकपुर से बालुवाकोट तक कनेक्टिविटी है जबकि बालुवाकोट से तवाघाट का काम शुरू हुआ है।
काली मंदिर तक काम जब पूरा होगा, तो चीन बॉर्डर तक बढि़या कनेक्टिविटी होने के दावे भी अधिकारियों ने किए हैं। निर्माण कार्य के चलते फिलहाल इस रूट पर वाहन नहीं चल सकते।