भ्रष्टाचार का मुद्दा : माहरा ने भाजपा पर साधा निशाना
कुंभ के दौरान एमआरआई मशीन खरीद में घोटाले का आरोप
देहरादून। कांग्रेस के नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने संकेत दिया है कि विपक्ष के आने वाले वर्षों में मुखर व आक्रामक रहने वाला है। माहरा ने भाजपा के भ्रष्टाचारमुक्त शासन के दावों को आड़े हाथ लेते हुए कोआपरेटिव भर्ती घोटाले से लेकर कई दूसरे घोटाले गिना डाले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सडक़ से लेकर सदन तक भाजपा के घोटालों का पर्दाफाश करेगी। सुभाष रोड स्थित होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में माहरा ने कुंभ में एमआरआई मशीन खरीद घोटाले का दावा भी किया।
उन्होंने कोआपरेटिव बैंक भर्ती घोटाले के कई विंदुओं का जिक्र करते हुए मांग की कि इसकी जांच विधानमंडल दल से करायी जाए और तब तक मुख्यमंत्री धामी संबंधित मंत्री को मंत्रि पद से हटा दें। उन्होंने पूर्व में अधीनस्थ चयन आयोग की भर्ती का मामला हो या सूर्यधार झील का या कोरोना काल में फर्जी टेस्टिंग के प्रकरण व कुंभ में फर्जी एमआरआई मशीन की खरीद में घोटाला होने का दावा किया।
करन माहरा ने खरीद से संबंधित कागजात पेश करते हुए कहा कि स्वास्थ महकमे में बोस्टन इवे हेल्थकेयर सोल्यूशन मुंबई नाम की कंपनी ने एमआरआई मशीन में बड़ा घोटाला किया है। 3.20 करोड़ की एमआरआई मशीन 9 करोड़ में बेची गई। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में यह कुंभ खरीद एमआरआई घोटाला हुआ।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने यूनाइटेड इमेजिंग संघाई की चाइनीज एमआरआई मशीनें कुंभ मेले व दून मेडिकल कालेज में 9-9 करोड़ रुपये में बेची। उनका आरोप है कि अधिकारियों ने इस चाइनीज कंपनी के साथ मिलकर उत्तराखंड प्रोक्योरमेंट पालिसी के सभी नियमों की धज्जियां उड़ा दी। प्रोक्योरमेंट पालिसी के हिसाब से निविदा में आफर की गई मशीन 3 साल से इंडिया में लगी हुई होनी चाहिए एवम अच्छे से काम भी कर रही होनी चाहिए।
माहरा का दावा है कि तब तक इस कंपनी की पूरे देश में कोई भी मशीन नहीं लगी थी। फिर भी इसको पास कर दिया। उन्होंने कहा कि फिलिप्स (रीजनल मैनेजर कमल उप्रेती व इरबिक के रीजनल मैनेजर महेश शर्मा आदि कंपनियों ने लगातार निविदा में नियम विरुद्ध काम होने की शिकायतें भी की, लेकिन करोड़ों के खेल में शामिल अधिकारियों के कान में जूं भी नहीं रेंगी।
माहरा ने कहा कि बोस्टन इव के पास 9 करोड़ के रेट को न्यायोचित ठहराने के कोई सबूत नहीं हैं क्योंकि वो लोग प्राइवेट अस्पताल में एमआरआई मशीन के इसी माडल को 4 करोड़ के आसपास बेच रहे हैं। कम्पनी से सभी इंस्टालेशन की जीएसटी बिल की सर्टिफाइड कापियां मांगने से साफ पता लग जायेगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से निवेदन है कि करोड़ों रुपए के इस एमआरआई घोटाले की भी जांच करवाई जाए एवम पैसों के लिए आंख बंद करके सभी नियम कानूनों को दरकिनार करते हुए एमआरआई खरीद में तत्कालीन अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही करते हुए बोस्टन कंपनी को तुरंत ब्लैक लिस्ट करें। पत्रकार वार्ता में बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता मौजूद थे।