देहरादून। प्रदेश कांग्रेस में नये अध्यक्ष और विधायक दल के नेता की नियुक्ति से उत्तराखंड कांग्रेस में फिर घमासान मच गया है। कांग्रेस पार्टी ने करण माहरा को प्रदेश अध्यक्ष और यशपाल आर्य को विधायक दल का नेता नियुक्त किया है।
इन नियुक्तियों के बाद प्रदेश कांग्रेस में तीखे आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रीतम सिंह के समर्थकों ने केंद्रीय नेतृत्व को चुनौती देनी शुरू कर दी है। असंतुष्ट नेताओं का स्पष्ट आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पार्टी को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई है।
प्रतीम तो संगठन में इस फेरबदल से इतने नाराज हैं कि वह नये अध्यक्ष की घोषणा के बाद रविवार देर रात मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात करने पहुंच गये।प्रीतम ने कहा कि यदि गुटबाजी के चलते पार्टी को हार का समाना करना पड़ा है और अगर उस गुटबाजी का हिस्सा मैं भी हूं तो फिर वह अपनी विधायकी से इस्तीफा देने हो तैयार हैं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अविनाश पांडेय और प्रभारी यादव को वो रिपोर्ट भी सार्वजनिक करनी चाहिए जिसमें कहा गया है कि पार्टी गुटबाजी के चलते हारी है।
गिरीश पुनेठा ने हरीश पर खुलकर साधा निशाने
उन्होंने कहा कि अब वह किसी भी पद पर आसीन होने को तैयार नहीं है। पार्टी को पहले उनके खिलाफ लगाए गए आरोप सिद्ध करने पड़ेंगे। प्रीतम के करीबी माने जाने वाले गिरीश पुनेठा ने हरीश रावत पर खुलकर निशाने साधा। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि पहले टिकट बिके थे।
अब नेता प्रतिपक्ष का पद करोड़ों में बिक गया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को संज्ञान लेने का आग्रह किया। एआईसीसी संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी देवेन्द्र यादव, महामहिम पर्यवेक्षक अविनाश पाण्डेय और भस्मासुर जिल्लेइलाही हरीश रावत को हार्दिक बधाई। पहले पैसों के लालच में उत्तराखंड चुनाव में कांग्रेस की जिताऊ सीटों पर भी टिकटें बेची और अब नेता प्रतिपक्ष का पद भी करोड़ों में बेच डाला। राहुल गांधी कृपया संज्ञान लें।
पुनेठा के इस बयान को जारी होने के लगभग 15 घण्टे बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्यवाही पार्टी संगठन की ओर से नहीं की गई है। हाँ गढ़वाल मंडल से प्रदेश अध्यक्ष,, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष तीनों पदों में से किसी पर भी किसी की नियुक्ति न करने से इस क्षेत्र के नेता और कार्यकर्ताओं में बेहद असंतोष है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इससे पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री के व्यवहार के कारण गढ़वाल मंडल के कांग्रेस नेता प्राय: असहज महसूस करते रहे हैं। रावत के कारण ही पूर्व पार्टी प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय और महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्या भाजपा में शामिल होने को मजबूर हुये।
दोनों ने भाजपा में जाने के बाद क्रमश: टिहरी और नैनीताल से जीत भी हासिल की। प्रीतम सिंह के पिता स्वर्गीय गुलाब सिंह पूर्व में संयुक्त उत्तर प्रदेश में आठ बार विधायक रहने के अलावा कई बार मंत्री भी रहे। खुद प्रीतम इस बार छठी बार विधायक निर्वाचित हुये हैं। ऐसे में समझा जा रहा था कि उनको ही नेता प्रतिपक्ष बनाया जायेगा, लेकिन रावत से उनके छत्तीस के आंकड़े के कारण उन्हें इससे दरकिनार किया गया।