कोलंबो । आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में मेडिकल इमरजेंसी की घोषणा कर दी गयी है। श्रीलंका में दवाइयों, इंधन और उपकरणों की लगातार कमी हो रही है।श्रीलंका सरकारी चिकित्सा अधिकारी संघ ने एक बयान जारी करके कहा कि सोमवार को केंद्रीय समिति की आपात बैठक में यह निर्णल लिया गया था।
संघ ने कहा ,‘आपात बैठक में देश के मौजूदा खराब आर्थिक और वित्तीय प्रबंधन के कारण दवाओं और उपकरणों की भारी कमी, बिजली कटौती और ईंधन की कमी के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र के चरमराने सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गयी और निर्णय लिए गए।
श्रीलंका में 40 से अधिक सांसदों ने गठबंधन सरकार का साथ छोड़ा
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे नीत गठबंधन को झटका लगा जब संसद के डिप्टी स्पीकर रंजीत सियामबलपतिया समेत 40 से अधिक सांसदों ने गठबंधन सरकार का साथ छोड़ दिया। सियाम्बलपतिया ने कहा कि राजपक्षे के श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) नीत गठबंधन के सहयोगी दलों के सांसदों ने कहा कि वे अब स्वतंत्र प्रतिनिधि के रूप में संसद में बैठेंगे।
राजपक्षे और उनके भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने त्यागपत्र देने से इनकार किया है, हालांकि सरकार के कैबिनेट ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति ने विपक्षी दलों से उन्हें राष्ट्रीय सरकार बनाने और कैबिनेट विभागों को स्वीकार करने में मदद करने का आह्वान किया , लेकिन उन सभी ने इससे इनकार करते हुए उनसे (श्री राजपक्षे) से अपना पद छोड़ने की मांग दोहराई है। राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों में देशभर में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।