इस्लामाबाद । पाकिस्तान में कानूनी,संवैधानिक और अन्य प्रकार की चुनौतियों के चलते तीन महीने में आम चुनाव कराने में सक्षम नहीं है। यह बात पाकिस्तान चुनाव आयोग ने कह है। मीडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है।पाकिस्तान के समाचारपत्र ‘डॉन’ ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट में आयोग के हवाले से कहा गया है कि आम चुनाव की तैयारी में कम से कम छह महीने लगेंगे।
आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्रों के नये परिसीमन और इसके आधार पर मतदाता सूची का पुनरीक्षण जैसी प्रमुख चुनौतियां हैं। परिसीमन के तहत विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा में बदलाव हुए हैं , जहां 26 वें संशोधन के तहत सीटों की संख्या में वृद्धि की गयी है।
उन्होंने कहा कि परिसीमन एक लंबी प्रक्रिया है, जहां केवल आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए ही एक महीने का समय मिलता है। परिसीमन की संपूर्ण कवायद पूरी करने के लिए कम से कम तीन महीने लग सकते हैं और इसके बाद मतदाता सूची को अपडेट करने में भी काफी समय लगेगा।
अन्य चुनौतियों में चुनाव सामग्री की खरीद, मतपत्रों की व्यवस्था और मतदान कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रशिक्षण आदि शामिल हैं। कानूनी अड़चनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव अधिनियम की धारा 14 के तहत चुनाव आयोग को चुनाव से चार महीने पहले चुनाव योजना की घोषणा करनी है।
उन्होंने यह भी कहा कि आयोग पहले ही बलूचिस्तान में स्थानीय निकाय चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर चुका है और इसके लिए 29 मई को मतदान निर्धारित किया गया था, जबकि पंजाब, सिंध और इस्लामाबाद में इन चुनावों की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि अगर आम चुनाव कराने हैं, तो स्थानीय निकाय चुनावों को टालना होगा , क्योंकि कई संवैधानिक और कानूनी जटिलताओं को देखते हुए जल्दी चुनाव करवाना आसान नहीं है।