लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरूआत श्रावस्ती जिले से करेंगे। कोरोना के कारण यीपू में पिछले दो साल से स्कूली शिक्षा अस्त व्यस्त है। अभियान के दौरान कम साक्षरता वाले जिलों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
कोविड:19 के कारण प्रभावित शिक्षण व्यवस्था को गति देने के प्रयास के तहत इस अभियान की शुरूआत की जा रही है। दूसरी बार प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा है कि सभी प्राइमरी स्कूलों को बेहतर सुविधाओं से लैस किया जाए। इसको ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।
मुख्यमंत्री ने उच्च अधिकारियों की बैठक में निर्देश दिए थे कि सभी अध्यापक घर:घर जाकर अभिभावकों से मिलकर बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित करें। स्कूल चलो अभियान के साथ सभी जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। सभी विधायक एक:एक विद्यालय को गोद जरूर लें।
इसके साथ ही अधिकारी भी स्कूलों को गोद लें। योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि जिन जिलों की साक्षरता दर कम है, उन जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाय। वहां के विद्यालयों में वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाए। स्कूल चलो अभियान की शुरुआत श्रावस्ती से की जा रही है, वहां की साक्षरता दर प्रदेश में सबसे कम है।
इसके बाद बहराइच, बलरामपुर, बदायूं और रामपुर हैं। मुख्यमंत्री ने ये भी निर्देश दिए कि आपरेशन कायाकल्प से बेसिक शिक्षा परिषद के सारे विद्यालयों को आच्छादित किया जाए। प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय को सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाए। इसके लिए निजी संस्थाओं, स्कूल के पुराने विद्यार्थियों को अभियान चलाकर जोड़ा जाए।
स्कूलों के कायाकल्प के लिए सीएसआर (कारपोरेट सोशल रिपांस्बिलिटी) की मदद ली जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा बेसिक शिक्षा से जुड़े हर विद्यालय में पेयजल, टॉयलेट, स्मार्ट क्लास और फर्नीचर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं और बच्चों की यूनिफॉर्म और जूते मोजे की भी व्यवस्था का आदेश है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि शिक्षकों की तैनाती से लेकर बुनियादी सुविधाओं का समयबद्ध अभियान चलाया जाए। हर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती हो।