नयी दिल्ली। रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से भारत में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें मार्केट तय करती है।
इसकी कीमतों को बढ़ाना है या नहीं, यह तेल कंपनियां को ही देखना है।माना जा रहा है कि चुनावी नतीजों के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी इजाफा होगा।
पुरी ने कहा कि तेल की कीमतें वैश्विक कीमतों से निर्धारित होती हैं। विश्व के एक हिस्से में युद्ध जैसे हालात हैं। उन्होंने कहा कि इससे तेल कंपनियां भी प्रभावित होंगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस युद्ध की वजह से क्रूड ऑयल की कीमतों में बड़ा इजाफा हुआ है।
12 रुपये प्रति लीटर कम पर तेल बेच रही है कंपनीया
ग्लोबल मार्केट में सोमवार को कच्चे तेल का भाव 139 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर गया था, जो जुलाई 2008 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। हालांकि मंगलवार को क्रूड ऑयल की कीमतों में थोड़ी कमी देखने के मिली है। कच्चे तेल बढ़ती कीमतों से कंपनियों पर भी पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने का दबाव तो है ही। समझा जाता है कि फिलहाल कंपनियों को 12 रुपये प्रति लीटर कम पर तेल बेचना पड़ रहा है।