रांची। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी, एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज ने एचडीएफसी बैंक के सहयोग से भारत की पहली अनस्पॉन्सर्ड डिपॉजिटरी प्राप्तियों में आईएफएससीए द्वारा सुझाये गए निर्धारित रेग्यूलेटरी सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क के तहत ट्रेडिंग शुरू किया है।
इससे भारतीय खुदरा निवेशकों को आसान और किफायती तरीके से एनवाईएसई और नैसडाक जैसे एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध अमेरिकी शेयर बाजारों में निवेश करने का अवसर मिलेगा। इस लॉन्च के बाद, भारतीय खुदरा निवेशक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित उदारीकृत प्रेषण योजना के अंतर्गत एनएसई आईएफएससी प्लेटफॉर्म पर लेनदेन कर सकेंगे।
एनएसई आईएफएससी प्राप्तियां इनोवेटिव और अपनी तरह का पहला उत्पाद है, जो भारतीय खुदरा निवेशकों को वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों में विविधतापूर्ण निवेश करने का अवसर प्रदान करता है। एनएसई आईएफएससी प्राप्तियां वैश्विक शेयरों में निवेश की सारी प्रक्रिया को बिना किसी रुकावट के और कम लागत पर पूरा करेंगी। वैश्विक बाजारों में अंडरलाइंग स्टॉक्स के मुकाबले निवेशकों को आंशिक मात्रा में ट्रेड करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा।
अमेरिकी शेयर बाजारों से शुरू होकर, एनएसई आईएफएससी जल्द ही अन्य वैश्विक बाजारों में अपनी पेशकश का विस्तार करेगा।
गिफ्ट सिटी में इस नए लॉन्च किए गए यूडीआर प्रोग्राम के एनएसई आईएफएससी प्राप्तियों के कस्टोडियन की भूमिका एचडीएफसी बैंक की आईएफएससी बैंकिंग यूनिट निभाएगी तथा एनएसई आईएफएससी प्राप्तियां जारी करेगी और आईएफएससीए की रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी के साथ रजिस्टर्ड डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के रूप में निवेशकों के डिपॉजिटरी खाते खोलने के साथ ही अन्य संबंधित गतिविधियां पूरा करेगी।
एनएसई आईएफएससी क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड अपने मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचा प्रदान करेगा, डिपॉजिटरी प्राप्तियों में सभी ट्रेड्स के समाशोधन और निपटान की सुविधा देगा और एनएसई आईएफएससी प्लेटफॉर्म पर संचालित किए गए सभी ट्रेड्स की सेटलमेंट गारंटी प्रदान करेगा। इसके अलावा, एनएसई आईएफएससी में सभी ट्रेड्स को निवेशक सुरक्षा ढांचे के तहत भी कवर किया जाएगा। निवेशक एनएसई आईएफएससी प्राप्तियों को गिफ्ट सिटी में खोले गए अपने स्वयं के डीमैट खातों में रख सकेंगे और अंडरलारइंग स्टॉक्स से संबंधित कॉरपोरेट कार्रवाई से होने वाले लाभ हासिल करने के दावेदार होंगे।
आईएफएससीए के चेयरमैन इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि “एनएसई आईएफएससी प्राप्तियों में लॉन्च की गई ट्रेडिंग एक अच्छी पहल है जो आरबीआई की उदारीकृत प्रेषण योजना (लिबराइज्ड रेमिटेंस स्कीम) के अंतर्गत खुदरा भागीदारी को आकर्षित करने और गिफ्ट सिटी में भारत के एकमात्र अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में एक जीवंत पूंजी बाजार के इकोसिस्टम को विकसित करेगी। एनएसई आईएफएससी की यह इनोवेटिव पेशकश रिटेल रेजिडेंट निवेशकों को एनएसई आईएफएससी प्लेटफॉर्म के जरिये चुनिंदा अमेरिकी शेयर बाजारों में लेनदेन करने में सक्षम बनाती है, जो सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू निवेशकों के लिए, शुरू में रेग्यूलेटरी सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क के अंतर्गत, और अंत में एक्सचेंज पर एक रेग्यूलर प्रोडक्ट के रूप में उपलब्ध होगी। मैं खुदरा निवेशकों के लिए एक इनोवेटिव फाइनेंशियल प्रोडक्ट लाने के लिए एनएसई आईएफएससी को बधाई देता हूं।
एनएसई के एमडी एवं सीईओ विक्रम लिमये ने कहा कि “एनएसई आईएफएससी के लिए यह गर्व का क्षण है क्योंकि अमेरिकी शेयर बाजार में अनस्पॉन्सर्ड डिपॉजिटरी प्राप्तियों के रूप में ट्रेडिंग शुरू हो गई है। यह भारतीय खुदरा निवेशकों के लिए एक रेग्यूलेटेड माहौल में वैश्विक शेयरों में निवेश की पूरी प्रक्रिया को बाधारहित बना देगा। इस लॉन्च के साथ, हम भारतीय खुदरा निवेशकों और ब्रोकर्स के लिए महत्वपूर्ण वैल्यू लेकर आये हैं, और हम एक इंटीग्रल और इनोवेटिव इंटरनेशनल आईएफएससी एक्सचेंज के रूप में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार हैं। अपनी तरह की इस पहली पहल पर एचडीएफसी बैंक के साथ सहयोग करने में हमें खुशी मिली है और हम विश्वास करते हैं कि हम एक साथ गिफ्ट आईएफएससी वित्तीय परिदृश्य को बदल सकते हैं और हमारे माननीय प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप इसे वास्तव में वैश्विक आईएफएससी बना सकते हैं।
एचडीएफसी बैंक के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर कैज़ाद भरूचा ने कहा कि “एचडीएफसी बैंक एक अग्रणी बैंक रहा है और भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र में बदलाव लाने में उत्प्रेरक भूमिका निभा रहा है। एनएसई आईएफएससी प्राप्तियां भारत में अपनी तरह की पहली/गिफ्ट आईएफएससी हैं और यह भारतीय खुदरा निवेशकों को वैश्विक शेयरों में आसानी से निवेश करने का अवसर प्रदान करेंगी। एनएसई आईएफएससी प्राप्तियों का फ्रेमवर्क भी इन निवेशों को बेहद किफायती और पारदर्शी बनाएगा, जिससे खुदरा भागीदारी करना आसान हो जाएगा। हम इस प्रोग्राम को लेकर बहुत उत्साहित हैं और हमारा विश्वास है कि यह प्रोग्राम भारतीय खुदरा निवेशकों के वैश्विक प्रतिभूति बाजारों तक पहुंचने के तौर-तरीकों को पूरी तरह से बदल देगा।”