नयी दिल्ली। विशाखापतनम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नौसेना के बेड़े का निरीक्षण करेंगे। 21 फरवरी को आजादी के 75 वर्ष पूरे होने कार्यक्रम आयोजित किया गया है। इस मौके पर नौसेना अपने बेड़े के प्रमुख युद्धपोतों के जरिये देश की समुद्री ताकत का को प्रदर्शन करेगी।
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बेड़ा निरीक्षण में कुल 63 युद्धपोत शामिल होंगे जिनमें से 57 नौसेना के , तीन भारतीय तटरक्षक बल के , दो एससीआई के और एक एनआईओटी का होगा। इसके अलावा तीन पनडुब्बी और 57 विमान भी इसमें हिस्सा लेंगे जबकि 44 समुद्री पोत लंगर डाले होंगे।
अब तक 11 बेड़ा निरीक्षण आयोजित कर चुकी है नौसेना
आजादी के बाद से नौसेना अब तक 11 बेड़ा निरीक्षण आयोजित कर चुकी है इनमें से दो वर्ष 2001 और 2016 में अंतर्राष्ट्रीय बेड़ा निरीक्षण थे जिनमें अनेक देशों की नौसेनाओं के युद्धपोतों ने भी हिस्सा लिया था। तीनों सेनाओं का सर्वोच्च कमांडर होने के नाते प्रत्येक राष्ट्रपति अपने कार्यकाल में एक बार नौसेना के बेड़े का निरीक्षण कर नौसेना की ताकत और मारक क्षमता तथा तैयारियों की समीक्षा करता है। नौसेना बेड़ा निरीक्षण बहुत पुरानी परंपरा है और दुनिया की प्रत्येक नौसेना नियमित रूप से इसका निर्वहन कर रही हैं।
युद्धपोतों के जरीए देश की समुद्री शक्ति का होगा प्रदर्शन
भारत के संदर्भ में सबसे पहले यह 18 वीं सदी में शक्तिशाली मराठा साम्राज्य में रत्नागिरी के किले से लगते तट पर आयोजित किया गया था। बेड़ा निरीक्षण के दौरान नौसेना के बेड़े में शामिल युद्धपोतों को एक जगह एकत्र कर देश की समुद्री शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है। इसमें नौसेना देश और शासन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करती है तो सर्वोच्च कमांडर बेड़े का निरीक्षण कर नौसेना में विश्वास व्यक्त करता है कि यह देश की रक्षा करने में सक्षम है।
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इस आयोजन के दौरान नौसेना के सभी युद्धपोत चार कॉलम की आकृति में खड़े होंगे और राष्ट्रपति एक युद्धपोत में उनका निरीक्षण करेंगे। सभी मित्र देशों के भारत में कार्यरत रक्षा अताचियों को भी इसके लिए आमंत्रित किया गया है।