देहरादून। कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह ने कहा कि 2 साल तक कांग्रेस के लिए संघर्ष किया है। एक बार फिर कांग्रेस को मजबूत करने में हम लोग जुटेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने के लिए कोई शर्त नहीं रखी है। वे बिना शर्त शामिल हुए हैं टिकट की बातों से भी इनकार किया।
हरक सिंह ने कहा कि यहां एक ही शर्त है, भाजपा को हराना है। उन्होंने कहा कि 2016 में जब उन्होंने बगावत की उसके बाद भी लगातार सोनिया गांधी की तारीफ की है। लगातार टीवी चैनलों पर भी कहा था कि सोनिया गांधी के कई एहसान हैं।
उन्होंने लगातार मुझ पर भरोसा किया है। हरक सिंह ने कहा कि उन्होंने कोई माफीनामा नहीं दिया गया है। राजनीति में माफीनामा की कोई जगह नहीं होती है। वे यहां एक गिलहरी की तरह भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आना ही उनकी सबसे बडी माफी है। हरीश भाई ने उनका दिल से स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि मैंने कोई शर्त नहीं रखी है। जो पार्टी तय करेगी, उसी पर चलूंगा। हरक ने भाजपा पर कई आरोप लगाते हुए कहा कि टिकट की बातें झूठी थीं।
2016 में बगावत को लेकर हरक सिंह बड़ी सफाई है, उन्होंने कहा है कि तब केंद्र में भाजपा की सरकार थी।
उन्होंने सोचा था कि विकास होगा, लेकिन बीजेपी ने कुछ नहीं किया। बीजेपी सरकार के पांच साल के कार्यकाल उनके जीवन के सबसे निराशाजनक समय था। इस सवाल पर कि क्या उनकी फिर भाजपा में वापसी की बात चल रही थी, उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह अफवाह थी, वैसी ही अफवाह जैसे मंत्रिमंडल से निष्कासन के दिन भाजपा ने अफवाहों के आधार पर कार्रवाई की थी।
रक सिंह रावत का कांग्रेस में भी विरोध हो रहा था और भाजपा में भी। हाल ही में रविवार को भाजपा हाईकमान ने कैबिनेट मंत्री हरक सिंह को पार्टी से छह साल से निष्कासित कर दिया था। उन्हें मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया गया था।
बताया गया कि हरक स्वयं के साथ ही परिवार के लिए विधानसभा के तीन टिकट मांग रहे थे। जिस दिन पार्टी ने यह निर्णय सुनाया, उस दिन हरक दिल्ली में ही थे। इसके बाद से हरक के कांग्रेस में घर वापसी की चर्चा होने लगी थी। हरक भी कांग्रेस के उन नौ विधायकों में शामिल थे, जो मार्च के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद कांग्रेस का हाथ छिटककर भाजपा में शामिल हो गए थे।