देहरादून । उत्तराखंड में कोरोना की तीसरी लहर का व्यापक असर दिखने लगा है। राज्य में 2,682 नये संक्रमित मिलने के अलावा, 85 लोगों में ओमिक्रॉन के लक्षण पाए गये हैं जबकि 328 संक्रमित स्वस्थ हुये हैं।
राज्य की स्वास्थ्य महानिदेशक डाक्टर तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के मामलों का विश्लेषण करने पर ज्ञात हुआ कि अभी तक कोविड-19 पॉजिटिव सेंपल की जीनोम सीक्वेसिंग में केवल 54 प्रतिशत सैंपल में ओमिक्रॉन वेरिएंट पाया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के 2,255 पॉजिटिव सैंपल की जिनोम सीक्वेसिंग दून मेडिकल कॉलेज लैब द्वारा की गई। जिसके सापेक्ष 159 की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है और इसमें से केवल 85 सैंपल में ओमिक्रॉन वैरीएंट पाया गया है।
डा. बहुगुणा ने कहा कि कोविड-19 के नए स्वरूप के इस वैरियंट से सतर्क रहना है, लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं है। हमें कोविड-19 अनुरूप व्यवहार अपनाएं जाने की नितांत आवश्यकता है और यही सावधानी हमें महामारी के संक्रमण से बचाएगी और वैरिएंट का ट्रांसमिशन रुकेगा।
उन्होंने बताया कि विश्व में सभी जगह ओमिक्रॉन वैरिएंट अन्य सभी वैरिएंट को रिप्लेस कर रहा है और इसके प्रभाव अधिक घातक नहीं आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश लोग, जो कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित हैं, उनमें या तो हल्की लक्षण हैं अथवा लक्षण रहित है तथा होम आइसोलेशन में रहने से ठीक हो जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अभी तक यह जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में परिलक्षित नहीं हो रहा है। इसके बावजूद हमें कोविड-19 व्यवहार को हमेशा और अनिवार्य रूप से पालन करते रहना होगा, तभी हम इस महामारी से बच सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य में कोविड-19 संक्रमण के पॉजिटिव मामलों का जिनोम सीक्वेसिंग दून मेडिकल कॉलेज लैब में किया जा रहा है। अभी तक जितने भी मामले कोविड-19 पॉजिटिव आते हैं, उनमें से लगभग 15 प्रतिशत सेंपल की जिनोम सीक्वेंंिसग की जा रही है।