तबादला, नियुक्ति आदेश जारी करने वाले विभागों के कंप्यूटर सीज हो: हरीश रावत
हरीश रावत ने दोषी अधिकारियों को चार्जशीट करने व समुचित कार्यवाही की भी मांग की
- कहा प्रदेश सरकार ने बैक डेट में तबादले, शासनादेश बड़े पैमाने पर राजनीतिक नियुक्तियां की
देहरादून। धामी सरकार पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर तबादले, खनन व नियुक्तियों में भ्रष्टाचार करने व बैक डेट में शासनादेश जारी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष व पूर्व सीएम हरीश रावत ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि इन आदेशों को जारी करने वाले विभागों के कंप्यूटर सीज किए जाएं ताकि जांच में साफ हो सके कि आखिर ये आदेश कब जारी हुए।
डिजिटल युग में कंप्यूटरों की जांच से पता चल जाएगा कि ये आदेश कब किस कंप्यूटर से जारी हुए। यही नहीं उन्होंने दोषी अधिकारियों को चार्जशीट करने व समुचित कार्यवाही की भी मांग की।
सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में हरीश रावत ने कहा कि आचार संहिता के बाद आबकारी विभाग में विदेशी मदिरा के मामले में करोड़ों का खेल हुआ है। जिला आबकारी अधिकारियों को सीधे शराब आपूर्ति के आदेश दिए गए हैं। भाजपा चुनाव को मदिरालय करना चाहती है।
शर्मनाक यह है कि शिक्षा स्वास्थ्य ,सहकारिता, आबकारी में चहेतों को पोस्टिंग दी गई है। आचार संहिता के बाद शिक्षा विभाग में इतवार को ही दफ्तर खुलवाकर 600 से ज्यादा तबादले किए गए। हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव आयोग को ऐसे सभी विभागों की सूची भेजी है।
हरीश रावत ने कहा कि धामी सरकार ने बैक डेट में बड़े पैमाने पर राजनीतिक नियुक्तियां की हैं। उन्होंने कहा कि परिस्थिति जन्य सबूत हैं कि ये सारे आदेश आचार संहिता लगने के बाद पुरानी तिथि दर्ज करके हुए। उन्होंने कहा कि ये सभी दस्तावेज जब्त होने चाहिए व आदेश लागू होने पर रोक लगनी चाहिए।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से भी की शिकायत
प्रदेश कांग्रेस ने मुख्य चुनाव आयुक्त समस्त राज्य सरकार पर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष ऑनलाइन व मोबाइल एप ई विजिल तथा फैक्स से अपनी शिकायत दर्ज कराई है ।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति राज्य बाल आयोग, राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति, आबकारी विभाग में अधिकारियों के स्थानांतरण एवं मदिरा के ठेके, शिक्षा विभाग में शिक्षकों भारी नियुक्ति व स्थानांतरण, सहकारिता विभाग में नियुक्ति व स्थानांतरण जो कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए किये गये हैं, इस संबंध में चुनाव आयोग सभी दस्तावेज अपने कब्जे में ले व संबंधित अधिकारियों को निष्पक्ष व स्वतंत्र चुनाव सम्पन्न कराने के लिए हेतु चुनाव कार्यों से अलग रखा जाए।