नैनीताल। उत्तराखंड के उधमसिंह नगर पुलिस को भी बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एसओजी व पुलिस की टीम ने एक करोड़ के गांजे के साथ चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपी ओडिशा के मलकानपुर से गांजे की तस्करी कर ला रहे थे।
उधमसिंह नगर के एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने रूद्रपुर में इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि एसओजी व पुलिस की टीम ने चारों तस्करों को रम्पुरा के एफसीआई गोदाम के पास से गिरफ्तार किया है।
इनमें दीपक गाइन पुत्र ज्ञानेन्द्र गाइन निवासी शिवनगर, ट्रांजिट कैम्प, उधमसिंह नगर, तारक गाइन पुत्र अन्नत गाइन निवासी अमृतनगर, दिनेशपुर, उधमसिंह नगर, राकेश कुमार मंडल पुत्र महेन्द्र मंडल निवासी रवीन्द्र नगर, ट्रांजिट कैम्प, उधमसिंह नगर व राजेश मंडल पुत्र रंजीत मंडल निवासी बैकंठपुर, न0-6, शक्तिफार्म, सितारगंज, ऊधमसिंह नगर शामिल हैं।
आरोपी जिस कार में सवार थे उसकी तलाशी ली गयी तो पुलिस को चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे। आरोपियों ने तस्करी के लिये एक्सयूवी कार संख्या 500 डीएल सीसीबी 444 को विशेष ढंग से डिजायन किया था। तस्करी का माल छिपाने के लिये सीट के नीचे विशेष केबिन बनाये गये थे।
पुलिस ने जब कार की जांच की तो 36 पैकेट गांजे के बरामद हुए। इस प्रकार कुल एक क्विटल से अधिक गांजा बरामद हुआ। आरोपियों ने गांजे को सीट के नीचे बनाये गये विशेष केबिन में छिपा कर रखा था।
आरोपी बरामद गांजे को ओडिशा से खरीद कर ला रहे थे। गांजे की कीमत एक करोड़ से अधिक आंकी गयी है। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि हम लोग पहले भूरारानी निवासी राजेश साहनी उर्फ पेंटर के लिये गांजा बेचने के काम करते थे।
इसके बाद अधिक कमाने के चक्कर में वह खुद ओडिशा के मलकान गिरी से गांजे की तस्करी में जुट गये। आरोपियों ने बताया कि वह मलकान गिरी निवासी कामेश्वर अजमेरा व निरंजन उर्फ निखिल से गांजा खरीदकर लाते हैं और रूद्रपुर, ट्रांजिट कैम्प, दिनेशपुर, गदरपुर, हल्द्वानी व आदि स्थानों पर ऊंचे दामों पर बेच देते हैं।
वह उड़ीसा से गांजा की कई खेप तस्करी कर ला चुके हैं। गांजे में दीपक गाइन व तारक गाइन बराबर के हिस्सेदार होते हैं। बरामद एक्सयूवी को आरोपियों ने आवास विकास निवासी जावेद मिस्त्री से विशेष रूप से डिजायन करवाया है।
पुलिस को पता चला है कि राकेश मंडल व राजेश मंडल दोनों तस्करी के दौरान चालक का काम करते हैं। तारक गाइन की दिनेशपुर में गाइन ट्रांसपोर्ट टूक एंड ट्रेवल्स के नाम से ट्रांसपोर्ट है। पुलिस को आशंका है कि तारक ट्रांसपोर्ट के अन्य वाहनों को भी गांजा तस्करी में प्रयोग करता है।