नयी दिल्ली। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप 100 दिवसीय पठन अभियान ‘पढ़े भारत’ की शुरुआत की है जो स्थानीय, मातृभाषा, क्षेत्रीय और आदिवासी भाषा में बच्चों के लिए आयु अनुसार पाठ्य-पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित कर आनंदमय पठन संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर देता है।
अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधान ने कहा कि पढ़ने की आदत, अगर कम उम्र में पैदा की जाती है, तो मस्तिष्क के विकास में मदद होती है जिससे बच्चों को सीखने का अनुकूल माहौल प्रदान करती है।
उन्होंने कहा, यह अभियान बच्चों को उनके परिवेश और वास्तविक जीवन की स्थिति से जोड़ने में मदद करेगा। इसमें एक सक्षम वातावरण बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है जिसमें छात्र आनंद के लिए पढ़ते हैं। बच्चे अपने कौशल को एक ऐसी प्रक्रिया के माध्यम से विकसित करते हैं जो आनंददायक और टिकाऊ हो जो जीवन भर उनके साथ रहे।
‘पढ़े भारत’ अभियान बालवाटिका से कक्षा आठ तक पढ़ने वाले बच्चों पर केंद्रित होगा। यह एक जनवरी से 10 अप्रैल 2022 तक 100 दिनों के लिए आयोजित किया गया है। इस अभियान में केंद्र, राज्यों और सभी हितधारकों की भागीदारी है। इस अभियान में छात्र, शिक्षक, माता-पिता, समुदाय, शैक्षिक प्रशासकों की भागीदारी से प्रति सप्ताह एक गतिविधि को तैयार किया गया है।
इन गतिविधियों में पढ़ाई को सुखद और आनंदमय बनाकर उससे आजीवन जुड़ाव बनाने पर ध्यान दिया गया है। इस अभियान को आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक मिशन के दृष्टिकोण और लक्ष्यों के साथ भी जोड़ा गया है।