नयी दिल्ली। राज्यसभा में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के सदस्यों ने 12 सांसदों का निलंबन वापस लेने की मांग को लेकर हंगामा किया ।
हंगामा के कारण सदन की कार्यवाही अंतत: दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद ही विपक्षी सदस्यों ने निलंबन वापसी की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया जो दिनभर जारी रहा।
इस दौरान सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित की गई। सदस्यों की नारेबाजी के दौरान ही गृहमंत्री अमित शाह ने नागालैंड में सुरक्षाकर्मियों की फायारिंग के संबंध में सदन में बयान दिया।
इससे पहले विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने सरकार से नागालैंड की घटना पर बयान देने की मांग की थी। हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही सुबह दो बार स्थगित की गयी जिसके कारण प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो सका।
भोजनावकाश के बाद भी विपक्ष के सदस्यों का हंगामा जारी रहा और एक बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। इससे पहले सदन की कार्यवाही तीन बजे जैसे ही शुरू हुई तो पीठासीन अधिकारी सस्मित पात्रा ने महंगाई के मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा शुरू करने के लिए विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे का नाम पुकारा।
खड़गे ने कहा कि वह पहले ही अपील कर चुके हैं कि विपक्ष के जो 12 सदस्य निलंबित किए जाने के कारण बाहर बैठे हैं उन्हें सदन में बुलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इन सदस्यों के बिना सदन चलाना चाहती है, यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपराध है।
पात्रा ने खड़गे से चर्चा शुरू करने की अपील की लेकिन इसी बीच कांग्रेस, आम आदमी पार्टी , तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और कुछ अन्य दलों के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार महंगाई के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है लेकिन विपक्ष खेल खेल रहा है और इस मामले में दोहरा मापदंड अपना रहा है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि महंगाई के मुद्दे पर सदन में चर्चा हो क्योंकि इससे उनकी दोहरी चाल सबके सामने आ जाएगी। उ
न्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में पेट्रोल और डीजल पर करों में कमी नहीं की गई है और इसीलिए कांग्रेस इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होने देना चाहती। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि विपक्ष ने ही महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी और अब विपक्ष ही चर्चा से भाग रहा है इससे उनकी नियत का पता चलता है।
उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि इस मुद्दे पर चर्चा हो लेकिन विपक्ष ही जान पूछ कर इससे पीछे हट रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की फौजिया खान ने कहा कि वह चर्चा शुरू करने के लिए तैयार हैं लेकिन पहले निलंबित सदस्यों को वापस सदन में बुलाना होगा।
उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो हम सभी को भी निलंबित कर दें। श्री पात्रा ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी अपनी जगह पर लौटने के लिए कई बार अपील की लेकिन इसका असर ना होते देख उन्होंने सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सदन की इसी मुद्दे पर तीन बार स्थगित की गयी थी। इसके बाद चार बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर शाह ने विपक्षी सदस्यों के हंगामें के बीच ही नागालैंड के मामले पर बयान दिया।