बीएसएफ को मिलेगी बसे उच्च तकनीक : अमित शाह

जैसलमेर । केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीएसफ के 57वें स्थापना दिवस के अवसर पर पूनम स्टेडियम में आयोजित समारोह में कहा कि विश्व में उपलब्ध सबसे उच्च तकनीक बीएसएफ को मिलेगी और ड्रोन हमलों से निपटने के लिए स्वदेशी ड्रोन प्रतिरोधक तकनीक तैयार की जा रही है।

हमारे जवान को कोई हलके में नहीं ले सकता

उन्होंने कहा कि जहां-जहां सीमा पर अतिक्रमण करने का प्रयास हुआ। हमने तुरंत जवाबी कार्रवाई की है। हमारे जवान और सीमा को कोई हलके में नहीं ले सकता। जब उरी और पुलवामा में हमला हुआ। तब एक मजबूत निर्णय लेते हुए एयरस्ट्राइक का निर्णय लिया। शाह ने कहा कि ड्रोन प्रतिरोधी तकनीक को तैयार किया जा रहा है। इस पर काम जारी है और दुनिया की सबसे उच्च तकनीक बीएसएफ को दी जाएगी।

बीएसएफ शांति हो या युद्ध हमेशा समर्पित रहा हैं

बीएसएफ शांति हो या युद्ध हमेशा समर्पित रहा हैं और वैश्विक महामारी कोरोनाकाल में इसने अपना योगदान दिया। इसी तरह बल ने पर्यावरण सरंक्षण सहित अन्य कई बड़े काम किये है। उन्होंने जवानों को बहुत बधाई देते हुए उनकी हौंसला अफजाई की। उन्होंने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट से पूरे देश में सड़कों का जाल बिछाया जा हैं और प्रधानमंत्री सीमाओं के प्रहरियों के प्रति हमेशा संवदेशनील रहे है और केन्द्र सरकार ने सशस्त्र बलों के परिवारजनों को पूर्ण स्वास्थ्य कवर प्रदान किया गया जिसके तहत एक कार्ड के द्वारा इसके परिजन आसानी से इसका लाभ ले सकते है।

सीमा सुरक्षा के लिए जवानों को अपना लक्ष्य तय करना चाहिए

उन्होंने कहा कि वह शनिवार को भारत माला प्रोजेक्ट में बनी सड़क से बल की अंतिम चौकी जाकर आये हैं, उससे लगता है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह कितना बड़ा निर्णय है। उन्होंने कहा कि आज बल का 57वां स्थापना दिन और पहली बार सीमा के जिले में स्थापना दिन मनाने का मोदी सरकार ने निर्णय लिया है। इस परंपरा को हमेशा के लिए जारी रहना चाहिए। सीमा सुरक्षा के लिए जवानों को अपना लक्ष्य तय करना चाहिए।

शाह ने कहा कि हजारों जवानों ने अलग-अलग जगह पर बलिदान दिए हैं। इसमें बीएसएफ सबसे आगे हैं। उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि बल का गौरवपूर्ण इतिहास है। आज दुनिया की सबसे बड़ी सीमाओं की सुरक्षा करने वाली हमारा बीएसएफ है। फिर चाहे वो राजस्थान हो या गुजरात। नदियां हो या रेगिस्तान। सेना और सीमा सुरक्षा बल ने लौंगेवाला में एक पूरी टैंक की बटालियन को खदेड़ दिया था जो आज भी ट्रेंिनग सेंटरों में सिखाया जाता है।

1 Comment
  1. Kriti says

    Good

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