दो कोआपरेटिव निदेशकों के मनोनयन के अनुमोदन पर रोक

मनोनयर किस नियम और प्राविधान के तहत किया गया है मनोनयन  : हाईकोर्ट

नैनीताल । नैनीताल उच्च न्यायालय ने नैनीताल के मड़इया और कोटाबाग माया रामपुर दुग्ध संघ के कोआपरेटिव निदेशकों के मनोनयन के अनुमोदन पर रोक लगा दी है।
न्यायालय ने दुग्ध संघ चेयरमैन, जीएम और सचिव डेयरी विकास को भी नोटिस जारी कर दिया है। जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है। इसके सात ही न्यायालय ने सवाल पूछा है कि जिन दो सदस्यों को मनोनीत किया है, वो किन नियमों के तहत है और किन प्रावधानों के तहत किया गया है यह रोक न्यायमूर्ति मनोज कुमार तेवारी की एकलपीठ ने लगाई है।
गौरतलब है कि नैनीताल सहकारी दुग्ध संघ ने कृष्ण कुमार शर्मा को रामनगर और महिमन चौहान को कोटाबाग में निदेशक दुग्ध सहकारी समिति के लिए मनोनीत किया है। दरअसल 2016 में दुग्ध संघ ने रामनगर मड$इया से विरेन्द्र मेहरा और माया रामपुर कोटाबाग से शेखर जोशी को निदेशक के तौर पर चुना। सितंबर 2२1 को प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का कार्यकाल पूरा हुआ। चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई तो इन दोनों सहकारी समितियों में गड़बड़ी की आशंका का आरोप लगाते हुए 27 अगस्त 2021 को शेष जिले को छोड$कर इन दोनों समितियों में दुग्ध विकास विभाग द्वारा चुनाव नहीं करने का निर्णय लिया गया। जबकि नियम के तहत जब तक चुनाव नहीं होगा तब तक पुराने निदेशक पदों पर बने रहेंगे।
आरोप है कि नैनीताल दुग्ध संघ ने नियमों के विपरीत बीच महिमन चौहान और कृष्ण कुमार शर्मा को इन दोनों समितियों के निदेशक पद को रिक्त  मानते हुए कोआपरेटिव निदेशक के तौर पर मनोनीत कर दिया। इनके मनोनयन को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। यह चुनौती तारा दत्त पांडे के लैटर पेड से हुई। पांडेय ने शिकायत को ही फर्जी दिया। अब न्यायालय ने अगली तिथि तक दोनों समितियों के नवीन को-आपरेरिटव निदेशकों के अनुमोदन पर रोक लगा दी है।

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