हरक के गले पड़ी प्रीतम-काऊ-ब्रह्मचारी से मुलाकात
मैं किसी एक पार्टी का मंत्री नहीं बल्कि उत्तराखंड वासियों के लिए मंत्री पद ग्रहण किया : हरक
- सियासी हलकों में चर्चा कि हरक व उमेश शर्मा काऊ कभी भी भाजपा छोड़ कांग्रेस में जा सकते हैं
देहरादून।प्रीतम-काऊ-ब्रह्मचारी से मंगलवार को मुलाकात कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के ऐसे गले पड़ी कि वे उसके बाद उसे लेकर सफाई देने में जुट गए।
बीते कुछ दिनों से सियासी हलकों में चर्चा है कि हरक सिंह रावत व उमेश शर्मा काऊ कभी भी भाजपा छोडक़र कांग्रेस के खेमें में जा सकते हैं।
बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, हरक सिंह रावत और उमेश शर्मा के एक ही फ्लाइट में दिल्ली जाने पर यह शोर खूब उठा था।
बहरहाल मंगलवार की मुलाकात से बाद यह शोर फिर तेजी पकड़ गया तो मीडिया के सवालों पर अचरज जताते हुए डॉ हरक सिंह रावत ने इसे सामान्य मुलाकात बताया और कहा कि वह किसी एक पार्टी का मंत्री नहीं हैं बल्कि उत्तराखंड प्रदेश वासियों के लिए मंत्री पद ग्रहण किया है और उनकी समस्याआें को सुलझाने के लिए दायित्वों का पालन कर रहे हैं।
इस प्रकार की मुलाकातें स्वस्थ राजनीति का परिचायक हैं। वह भी जब नेता प्रतिपक्ष थे तो सरकार के मंत्रियों से लगातार मिला करते थे, अपने क्षेत्र की समस्या कार्यकर्ताओं की समस्या लेकर पहुंचते थे और इसी प्रकार से आज जब वह सरकार में हैं तो नेता प्रतिपक्ष भी लोहारी के विस्थापितों व अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर उनके पास आए और वह उन सभी समस्याओं को गंभीरता पूर्वक समाधान करेंगे।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन में सभी राजनीतिक दलों का की एक विचारधारा होती है जिसको लेकर उनकी अपनी अपनी विकास की अवधारणा और जनता के साथ संवाद स्थापित होता है विचारधाराओं को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं के मतभेद भी होते हैं वाद विवाद भी होता है परंतु उसी में एक धारणा ऐसी होती है जो हमको एक बनाती है और वह है प्रदेश को और देश को आगे बढ़ाने वाली सोच और इसी सोच को राजनेता आगे बढ़ाने का काम करते हैं।
जिनमें अलग-अलग राजनीतिक दलों के ऐसे कई नेताओं का स्मरण आता है पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कई बार अपने भाषणों में कहा करते थे कि जब तक वह पार्टी के पद पर हैं तो वह भाजपा के कार्यकर्ता हैं परंतु संवैधानिक पद की शपथ लेने के बाद वे केवल पार्टी के नहीं बल्कि पूरे देश के प्रति जिम्मेदार हैं जवाबदेही है एवं प्रत्येक समुदाय धर्म प्रांत के नागरिकों का उन पर पहला अधिकार है।