रुद्रप्रयाग। बारिश के मौसम में केदारनाथ हाईवे पर सफर करना कभी भी
खतरनाक साबित हो रहा है। हाईवे की पहाडिय़ां अब बिना बारिश के भी जगह-
जगह दरक रही हैं। जबकि बारिश में स्थिति अत्यधिक खराब हो रही है। शनिवार
को भी केदारनाथ हाईवे पर नेल सहित कालीमठ बैंड आदि स्थानों पर भूस्खलन
होता रहा। जिस कारण हाईवे पर घंटों जाम लगा रहा।
केदारनाथ यात्रा और केदारघाटी की लाइफलाइन केदारनाथ हाईवे पर इन दिनों
सफर करना जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा हो गया है। अब हाईवे की पहाडिय़ां
बिना बारिश के ही टूट रही हैं और हजारों टन मलबा हाईवे पर गिर रहा है। ऑल
वेदर सडक़ निर्माण के बाद केदारनाथ हाईवे की पहाडिय़ां कमजोर हो गई हैं। यह
पहाडिय़ां कभी भी दरक जा रही हैं।
नेल में स्थिति बेहद दयनीय, लगातार हो रहा भूस्खलन

पिछले तीन दिनों से लगातार भूस्खलन हो रहा है। चट्टान से मलबा और बड़े-बडे़
बोल्डर एक साथ हाईवे पर गिर रहे हैं। जिस कारण घंटों तक यातायात ठप पड़ जा
रहा है। वहीं दूसरी ओर बद्रीनाथ हाईवे सिरोबगड़ और नरकोटा में लगातार सक्रिय होता जा रहा है। बद्रीनाथ हाईवे पर नरकोटा में लगातार पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं। जिस कारण यहां पर दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। ऊपर से बोल्डर गिर रहे हैं और नीचे से अलकनंदा नदी बह रही है। ऐसे में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। नरकोटा में पहाड़ी से आये बोल्डरों के ऊपर रास्ता बनाया गया है। इस रास्ते को पार करने में काफी दिक्कतें हो रही हैं। डीडीआरएफ टीम प्रभारी भगवान सिंह रौथाण ने बताया कि भूस्खलन होने की सूचना पर जनता की सहायता के लिये शीघ्र ही एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच रही है। अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। जनता को कोई परेशानी न हो, इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है।