हरीश ने कहा कि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सरकार के कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर किए थे। तथा कई ऐसे बिलों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था जो उचित नहीं था। जिसे लेकर भाजपा के नेताओं ने उनकी हाईकमान से शिकायतें की थी। उन्होंने उच्च शिक्षा से जुड़े बिलों को वापस लौटा दिया था वही मुक्त विश्वविघालय के भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए। जिसके कारण ही वह भाजपा के नेताओं की आंखों की किरकिरी बनी हुई थी यह नेता दिल्ली हाईकमान के पास भी उनकी शिकायतें लेकर गए थे। उन्होंने कई मामलों में सरकार को चेतावनी दी थी, जिसका खामियाजा उन्हें भोगना पड़ा।
हरीश रावत का कहना है कि अगर ऐसा नहीं तो भाजपा बताएं कि वह जिस दलित महिला को बड़े अरमान के साथ लेकर आए थे उन्हें कार्यकाल पूरा होने से पहले ही यूं अपमानित कर विदा करने की क्या जरूरत आन पड़ी थी।
हरीश रावत ने चार धाम यात्रा को लेकर उपवास भी किया
हरीश रावत ने आज चार धाम यात्रा शुरू कराने को लेकर सांकेतिक उपवास भी किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक एसएलपी वापस लेने में बहुत देरी की है। यात्रा में अब समय बहुत कम बचा है। उनका कहना है कि सरकार ने जब चार धाम यात्रा की तैयारी ही नहीं की है तो चार धाम यात्रा को शुरू कैसे कराएगी।