गुवाहाटी। असम में विशाल ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का पानी नए क्षेत्रों में घुसने से लगभग 5.70 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। मोरीगांव जिले में एक बालक की बाढ़ में डूबने से हुई मौत से राज्य में अब तक इस आपदा से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि राज्य के 18 जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या करीब 5.74 तक पहुंच गयी है।
असम के 18 जिलों में कम से कम 1278 गांव बाढ़ के कहर का सामना कर रहे हैं। राज्य में दरांग और लखीमपुर के बाद नलबाड़ी जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है। राज्य में 39,831.91 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि बाढ़ से प्रभावित हुई है जिसमें कई इलाकों में खड़ी फसल को भारी नुकसान हुआ है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मौजूदा बाढ़ की स्थिति पर बात की है और संकट से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। असम के 14 जिलों में सरकार द्वारा 105 से अधिक राहत शिविर और वितरण केन्द्र स्थापित किए हैं।
एएसडीएमए ने कहा है कि बाढ़ के कारण 3.5 लाख से अधिक घरेलू मवेशी और मुर्गी पालन क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। इस बीच, असम में प्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (केएनपी) का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। एएसडीएम ने कहा है कि मंगलवार तक बाढ़ से सात हॉग डियर और दो हिरणों की अब तक मौत हो चुकी है जबकि एक गैंडे के बच्चे को बचाया गया है।