नमो एप से सरकार-विधायकों की सियासी नाप-जोख 

सर्वे में राज्य के तीन सबसे अधिक लोकप्रिय नेताओं के नाम भी मांगे गए हैं

  • विधायकों और राज्य सरकार के कामकाज को लेकर भी कई सवाल
  • डबल इंजन सरकार और विपक्षी एकता के चुनावी असर पर भी सवाल
देहरादून। विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री ने नमो एप के जरिए उत्तराखंड समेत पांच चुनावी राज्यों की मौजूदा सरकार और विधायकों की नाप-जोख शुरु कर दी है। यही नहीं  नमो एप के  जरिए केंद्र व राज्य की सरकार की लोकप्रियता को लेकर भी सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। माना जा रहा कि   सर्वे के नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी अपनी सरकार के प्रदर्शन, भाजपा की लोकप्रियता आदि जानने का मौका देंगे, जिनकी मदद से भाजपा अपनी आगामी चुनावी रणनीति बनाएगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री ने नमो एप के जरिए ऐसा ही सर्वेक्षण नोटबंदी यानी 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने के जनता में असर को लेकर किया था। 2019  के लोकसभा चुनाव से पहले भी इस तरह का सर्वेक्षण किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमो एप पर एक सर्वे के माध्यम से पांच चुनावी राज्यों की जनता से उम्मीदवारों के चयन से लेकर विभिन्न मुद्दों पर राय मांगी है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। सर्वे में इन राज्यों की जनता से राज्य सरकार के प्रदर्शन को नंबर देकर आकलन करने, उनके विधानसभा क्षेत्र में विपक्षी दलों की कोई संभावित एकता, स्थानीय विधायक सहित अन्य मुद्दों पर राय मांगी गई हैं। सर्वे में शामिल होने वालों से कई किस्म के बहुविकल्पीय सवाल पूछे गए हैं ताकि केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रदर्शन के बारे में उनकी राय के बारे पता लगाया जा सके।
13 पेज के इस ऑनलाइन सर्वे के जरिए भाजपा लोगों की सोच एवं मूड के बारे में पता लगा रही है। सर्वे में कुछ अहम सवाल शामिल किए गए हैं। सर्वे में राज्य के तीन सबसे अधिक लोकप्रिय नेताओं के नाम भी मांगे गए हैं। जनता से पूछे गए सवालों में प्रधानमंत्री मोदी का देश में नेतृत्व, राज्य स्तरीय और स्थानीय मुद्दों का भी विकल्प दिया गया है।  सर्वे में लोग चाहें तो विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय से सीधे भी प्रधानमंत्री को अवगत करा सकते हैं। सर्वे में लोगों से राज्य सरकार की योजनाओ, उनसे मिल रहे लाभों के बारे में भी लिखने को कहा गया है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि क्या राज्य व केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार होने से विकास की गति तेज होती है या नहीं। लोगों से यह पूछा जा रहा है कि कि उनका विधायक कौन है क्या उसे दोबारा चुना जाए। एक सवाल यह भी पूछा गया है कि वह उम्मीदवार की जाति, उसके धर्म या फिर उसके काम के रिकॉर्ड को वरीयता देंगे। जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें पंजाब को छोड$कर सभी जगह भाजपा का शासन है। इस सर्वे में लोगों से पूछा गया है कि जब वे मतदान करने जाएंगे तो वह सरकार के कोविड-19 के प्रबंधन, महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, शिक्षा और कानून व व्यवस्था में से किस मुद्दे को तरजीह देंगे। यह भी पूछा गया है कि राय देने वाले व्यक्ति के क्षेत्र में टीकाकरण अभियान कैसा रहा है। कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर सरकार के फैसले से क्या वे खुश हैं। नमो एप के जरिए किए जा रहे इस सर्वे में सूचना भी मांगी गई है कि क्या व्यक्ति ने भाजपा के लिए वालंटियर के रूप में काम किया है या फिर पार्टी को दान या चंदा दिया है। एक सवाल विपक्ष की एकजुटता पर भी पूछा गया है कि लोगों  एकजुट हो रहे विपक्ष को लेकर उनकी क्या राय है। क्या एकजुट विपक्ष भाजपा का विकल्प दे सकता है। चुनाव पर विपक्षी एकता का  क्या असर हो सकता है।

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