रुद्रपुर। कुंडेश्वरी निवासी प्रवेश कुमार की हल्द्वानी जेल में मौत के मामले में सीबीआई ने परिजनों से पूछताछ की। साथ ही मृतक कैदी प्रवेश कुमार के केस से संबंधित कुछ अभिलेख भी कब्जे में लिए है।
बताते चलें कि गाली-गलौज, मारपीट व पॉक्सो एक्ट के मामले में प्रवेश कुमार को 4 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद कुंडेश्वरी पुलिस ने उसका राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल कराने के बाद उसे जेल भेज दिया था। उसके बाद 5 मार्च को पुलिस अभिरक्षा में हल्द्वानी उप कारागार में बंद प्रवेश कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रवेश कुमार की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी ने जेल प्रशासन समेत पुलिस के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए जांच की मांग की। इस मामले में बंदी रक्षकों पर प्रवेश कुमार की पिटाई का आरोप था। मामला तूल पकड़ने पर सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच का आदेश दिया था। मृतक के परिजनों की तहरीर पर भी पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया था। वहीं मृतक की पत्नी भारती ने इस मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी, जिस पर न्यायमूॢत रवींद्र मैथाणी की एकलपीठ ने सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने पाया कि पुलिस ने पहले तो मुकदमा दर्ज नहीं किया। फिर जांच को भटकाने के लिए चश्मदीद गवाह के बयान न लेकर अन्य लोगों के बयान दर्ज किये गये। न्यायमूर्ति मैथाणी ने पाया कि यह बेहद गंभीर मामला है। इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। साथ ही पुलिस तीन दिन में एफआईआर समेत अन्य कागजात सीबीआई के हवाले करें। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि नैनीताल के एसएसपी को तत्काल इस जिले से हटाया जाए। साथ ही नामजद बंदी रक्षकों को भी किसी अन्य जिले में स्थानांतरित किया जाए।
बाद में सीजेएम के आदेश पर बीती 26 मई को हत्या का नामजद मुकदमा हल्द्वानी कोतवाली में दर्ज किया गया था। सोमवार को पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में 4 सदस्य टीम मृतक प्रवेश के घर पहुंची जहां सीबीआई की टीम ने पत्नी भारती व अन्य करीब आधा दर्जन लोगों के मौखिक बयान लिए। साथ ही 4 जुलाई के काशीपुर में हुए घटनाक्रम के बारे में उनकी जानकारी ली। 2 घंटे पूछताछ के बाद सीबीआई टीम वहां से चली गई।