हरदा ने पढ़े किशोर की शान में कसीदे, बोले-किशोर उपाध्याय एक मिशनरी जील से काम करने वाले व्यक्ति
बिजली से हो रही आमदनी का लाभ टिहरी को किशोर के संघर्ष का नतीजा
देहरादून। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने किशोर उपाध्याय की शान में कसीदे पढ़े हैं। कांग्रेस के सियासी हलकों में इसे हरीश रावत के अपने कुनबे को बड़ा करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। बहरहाल, हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट में कहा कि किशोर उपाध्याय एक मिशनरी जील से काम करने वाले व्यक्ति हैं। हरीश रावत ने कहा-मैं राजनीति की पसंद-नापसंद से अलग हटकर जब उत्तराखंडियत के लिये सोचता हूँ तो उसमें किशोर उपाध्याय बहुत आगे झंडा लिये खड़ा दिखाई देते हैं। उन्होंने हमारे साथ लड़-लड़ कर टिहरी परियोजना के प्रभावित क्षेत्र और लोगों के अधिकारों के लिए बहुत कुछ हासिल किया, टिहरी के विकास के लिए भी बहुत कुछ हासिल किया। मैंने उनको समझाया कि दो वानिकी विश्वविद्यालय नहीं हो पाएंगे, मगर संकल्प लेकर के आगे बढ़ा तो अंततोगत्वा रानी चौरी को भी विश्वविद्यालय का दर्जा मिला, जिसे बाद में आने वाली सरकार ने किशोर उपाध्याय के हारने के बाद बदल दिया।
हरीश रावत ने कहा -आज यदि कुछ ऐसे विकास के उदाहरण दिखाई देते हैं जिनमें जो 12 प्रतिशत राज्य का हिस्सा है, बिजली से हो रही आमदनी में उसमें एक प्रतिशत की वृद्धि कर और उस वृद्धि का लाभ टिहरी को मिले, यह भी किशोर उपाध्याय के संघर्ष का एक उदाहरण है। आज वो वनाधिकारों का झंडा लेकर के आगे बढ़ा रहे हैं। कुछ कठिन डगर जरूर हैं, वनाधिकार कानून तो सोनिया जी की देन है, उन्होंने सोनिया के अनन्य भक्त के तौर पर जो वनाधिकार का मिशन लन्च किया है जिसमें बहुत सारे प्रगतिशील शक्तियों का उनको समर्थन हासिल है। मैं समझता हूंँ उसके लिए बहुत आवश्यक है कि उत्तराखंड में कांग्रेस आए और किशोर उपाध्याय के इस मिशन को आगे बढ़ानेने के लिये उस मिशन में उठाये गये बिंदुओ के समाधान के लिए काम किया जा सके।
हर दा ! का कमाल!