बिना चीरा लगाए छाती से निकाला बड़ा ट्यूमर

मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला की जान बचाई

देहरादून। मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 63 वर्षीय बुजुर्ग महिला की जान बचाई है। डॉक्टरों ने बिना चीरा लगाए महिला मरीज की छाती से बड़ा ट्यूमर निकाला है। इसके लिए ब्रोंकोस्कोपी का प्रयोग किया गया। महिला जब अस्पताल आई तो उसे सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। जांच में पाया गया कि महिला की छाती में धीरे-धीरे बढऩे वाला ट्यूमर है।
जिससे उनकी मुख्य श्वासनील प्रभावित हो रही है। अस्पताल के इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डा. वैभव चाचरा ने महिला का इलाज शुरू किया। जिसके लिए उन्होंने एनेस्थीसिया विभाग से डा. मंदार केटकर व डा. गौरव अग्रवाल से भी सहयोग लिया। डा. चाचरा ने बताया कि महिला मरीज ब्रोन्कियल अस्थमा से पीड़ित थी। उसे इनहेलर दिए गए थे लेकिन उससे कोई राहत नहीं मिल रही थी। सीटी स्कैन में पता चला कि उसका दाहिना मुख्य ब्रोन्कस पूरी तरह से बाधित हो गया है और पॉजीट्रान एमिशन टोमाग्राफी यानी पीईटी स्कैन में ट्यूमर दिखा। महिला को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी।
इस पर महिला की छाती से तुरंत ट्यूमर निकालने का फैसला किया गया। यद्यपि बेहोशी की प्रक्रिया के दौरान महिला की एसपीओं-टू में गिरावट दर्ज की गई। पर कुशल एनेस्थीसिया टीम ने स्थिति को अच्छी तरह से संभाल लिया। ट्यूमर को शुरू में आर्गन प्लाज्मा कोगुलेशन की मदद से जला दिया गया। इसके बाद साधारण ब्रोंकोस्कोपी का उपयोग कर सात सीएम बड़े ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकाला गया। इससे महिला के दाहिने फेफड़े को साफ करने में मदद मिली जो कि ट्यूमर के कारण बाधित था। डाक्टर ने बताया कि हमने एंड ब्रोंकियल अल्ट्रासाउंड की मदद से पीईटी पॉजिटिव लिंफ नोड्स का भी सैंपल लिया। दूसरे दिन चेक ब्रोंकोस्कोपी की गई जिसमें ट्यूमर का कोई कण नहीं मिला। इसके बाद महिला ठीक हो गई और इलाज के 48 घंटे बाद उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

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